CG Cyber Crime: साइबर ठगों ने 100 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर किया है। कई जगह से कुछ राशि विड्राल भी किया है। पुलिस इन बैंक खातों की राशि होल्ड करवा रही है।
CG Cyber Crime: साइबर ठगों के सुनियोजित रैकेट लोगों से लाखों-करोड़ों रुपए आसानी से ऑनलाइन ठग लेता है। ठगे गए रकम को बरामद करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है। इसका अंदाजा पंडरी थाने में दर्ज साइबर ठगी के मामले से लगाया जा सकता है।
इस मामले में ठगी के साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा रकम को साइबर ठगों ने 100 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर किया है। कई जगह से कुछ राशि विड्राल भी किया है। पुलिस इन बैंक खातों की राशि होल्ड करवा रही है। आरोपियों ने रकम एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर किया।पुलिस का मेन खाताधारक तक पहुंचना काफी मुश्किल हो गया है।
साढ़े तीन करोड़ ठगने के बाद साइबर ठगों ने टेलीग्राम ग्रुप को खत्म कर दिया है। इस ग्रुप में डॉक्टर देवांगन और विकास भी जुड़े थे। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने दूसरा ग्रुप बना लिया है। उसके जरिए अन्य लोगों को भी ठग रहे हैं।
पुलिस की जांच में अब तक साढ़े तीन करोड़ रुपए में से 15 लाख ही होल्ड हो पाया है। साइबर ठगों ने देश के अलग-अलग राज्यों के शहरों में 100 से अधिक बैंक खाता खुलवा रखा है। ठगी की पूरी राशि उन्हीं खातों में ट्रांसफर किया गया है। अलग-अलग शहरों में जाकर उन खाताधारकों की डिटेल निकालने में पुलिस की हालत खराब हो गई है। फिलहाल पुलिस राशि को होल्ड कराने और मुय खाताधारक का पता करने में लगी है।
डॉक्टर सुनील कुमार देवांगन और विकास कुमार त्रिवेदी के फेसबुक में शेयर मार्केट में निवेश का एक विज्ञापन आया था। इसमें अधिक मुनाफा वाले शेयर में निवेश का झांसा दिया गय था। दोनों ने उसमें दिए नंबर पर कॉल किया। इसके बाद उनके बनाए टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े और मोबाइल ऐप डाउनलोड कराया। फिर उसके जरिए राशि निवेश करने लगे। फिर दोनों को झांसा देकर साइबर ठगों ने साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा ठग लिया। इसकी शिकायत पर 12 मई को पंडरी पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।