Raipur News: कोरियर सर्विस के करीब 2 लाख 36000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही लापरवाही बरतने और रसीद में लिखे गए शर्तो को अनुचित बताते हुए रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है।
Raipur News: सामान गुमाने वाले तिरुपति कोरियर सर्विस के करीब 2 लाख 36000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही लापरवाही बरतने और रसीद में लिखे गए शर्तो को अनुचित बताते हुए रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है। सवा 8 साल पुराने प्रकरण की जिला उपभोक्ता आयोग रायपुर में इसकी सुनवाई हुई। फोरम के अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा, सदस्य निरूपमा प्रधान और अनिल कुमार अग्निहोत्री ने इसका फैसला सुनाया।
अधिवक्ता राजेश भावनानी ने बताया कि रायपुर के राजेश फर्मा के संचालक ने 26 अगस्त 2016 को फाफाडीह स्थित तिरुपति कोरियर सर्विस के जरिए 3 किलो का पार्सल दिल्ली भेजा। इसमें 2 लाख 13570 रुपए का सामान था। इसे दिल्ली के पीआर फार्मा भेजने के एवज में 300 रुपए लिया। सामान नहीं पहुंचने पर कोरियर संचालक के संपर्क करने पर इसके गुम होने का जानकारी दी। कारोबारी ने सामान तलाश करने के बाद उसे भेजने या फिर उसकी कीमत अदा करने को कहा। लेकिन, कोरियर सर्विस वालों ने किसी भी तरह की जवाबदारी लेने से इंकार कर दिया। वहीं भेजे गए नोटिस का कोई जवाब तक नहीं दिया।
सामान गुमाने के बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कारोबारी ने रायपुर जिला फोरम में याचिका लगाई। साथ ही भेजे गए सामानों का बिल, कोरियर की रसीद और अन्य दस्तावेजी साक्ष्य पेश किया। साथ ही बताया कि कोरियर सर्विस की लापरवाही से सामान गुम हुआ है।
वहीं कोरियर संचालक ने सुनवाई के दौरान नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बुकिंग रसीद में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि पार्सल गुमने पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। कारोबारी द्वारा शर्तो का उल्लंघन करते हुए कीमती सामान भेज गया। वह 1000 रुपए तक का सामान भेजने पर 10 रुपए अतिरिक्त बीमा शुल्क लेते है। किसी भी तरह का नुकसान होने पर बीमा कंपनी में क्लेम करते है। जबकि पार्सल भेजने का समय इसमें छिपाया गया था।
कारोबारी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि रसीद में पूरा ब्योरा दिया गया है। कोरियर वालो के कारण उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फोरम अध्यक्ष ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोरियर सर्विस वालों को लापरवाही बरतने पर सामान की कीमत 2 लाख 1357 रुपए 6 फीसदी ब्याज सहित तक लौटाने, मानसिक प्रताड़ना और वाद व्यय का 15000 रुपए अदा करने का आदेश दिया।