पुलिस के मुताबिक आशीष दास उर्फ आशीष सिंह राजपूत उर्फ आशीष शर्मा फर्जी एसीबी अधिकारी बनकर घूम रहा था। इसकी जानकारी होने पर पुरानी बस्ती पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है।
राजधानी रायपुर में करीब 6 साल से पुलिस वाला बनकर वसूली करने का खेल चल रहा था। हाल ही में उजागर ड्रग्स तस्करी के मामले में भी एक कारोबारी से क्राइम ब्रांच के नाम से वसूली करने पहुंच गया। इसकी जानकारी पुलिस अफसरों तक पहुंची। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पर नजर रखनी शुरू कर दी। बुधवार को पुरानीबस्ती इलाके से आरोपी को पकड़ लिया गया। उसके पास एसीबी का फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुआ। बताया जाता है कि एसीबी अधिकारी बनकर वसूली कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक आशीष दास उर्फ आशीष सिंह राजपूत उर्फ आशीष शर्मा फर्जी एसीबी अधिकारी बनकर घूम रहा था। इसकी जानकारी होने पर पुरानी बस्ती पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज किया है। आशीष पिछले कई सालों से शहर में पुलिस वाला बनकर घूम रहा था। खुद को पुलिस वाला बताकर जुआ-सट्टा वालों से वसूली की भी कई शिकायतें हैं। आरोपी की कई थानेदारों से दोस्ती है। थानेदारों से दोस्ती करके उन्हीं के इलाके में वसूली करता था।
वर्ष 2019 में कोतवाली इलाके में आशीष पुलिस वाला बनकर सदरबाजार इलाके में घूम रहा था। कुछ लोगों से वसूली कर रहा था। इसकी सूचना मिलने पर सिविल स्क्वायड में शामिल तत्कालीन हवलदार ने उसे पकड़ लिया। उसे थाना लाया गया। थाने में आशीष ने तत्कालीन टीआई के सामने हवलदार से गाली-गलौज कर दी। टीआई को भी धौंस दिखाई। इससे नाराज होकर टीआई और हवलदार ने उसकी जमकर पिटाई की थी। मामला तत्कालीन डीएसपी तक पहुंच गया। आशीष के खिलाफ थाने में कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन कुछ अधिकारियों ने मामला रफा-दफा करवा दिया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में नव्या मलिक और उसके पार्टनर अयान को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच के दौरान नव्या के लिंक में कई बड़े कारोबारी, आबकारी घोटाले के आरोपी, विधायक के बेटे आदि उजागर हुआ। इसमें फंसे कारोबारियों की जानकारी आरोपी आशीष को भी मिल गई। इसके बाद आरोपी जेल रोड स्थित होटल पहुंचा। खुद को क्राइम ब्रांच वाला बताकर होटल संचालक से उसके भाई को ड्रग्स मामले से बचाने के एवज में 5 लाख रुपए मांगन शुरू कर दिए। कारोबारी ने पैसे नहीं दिए। बाद में इसकी सूचना पुलिस अफसरों को दे दी। इसके बाद आला अफसरों ने इसकी जांच कराई और आरोपी को पकड़ लिया।