CG News: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेशभर के कारोबारियों से जीएसटी को लेकर आ रही परेेशानियों को लेकर सुझाव मांगे गए हैं।
CG News: गुडस एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से संबंधित प्रकरणों का कारोबारियों के पक्ष में फैसला होने पर अपील की 10 फीसदी राशि लौटाने की मांग की गई है। साथ ही अपील के 65 प्रकरणों का निराकरण करने स्टेट कमिश्नर से मांग की गई है। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेशभर के कारोबारियों से जीएसटी को लेकर आ रही परेेशानियों को लेकर सुझाव मांगे गए हैं।
इसके आधार पर प्रस्ताव बनाकर 3-4 सितंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में अपनी मांगों को रखा जाएगा। इस बार वोकल-फॉर लोकल को लेकर प्रमुख रूप से चर्चा होगी ताकि राज्य के छोटे- मध्यम, बड़े कारोबारियों और उद्योगपतियों से लेकर किसानों तक लाभ पहुचांया जा सकें। बता दें कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी स्लैब में बदलाव की घोषणा की थी।
स्टेट जीएसटी कमिश्नर को कारोबारियों ने बताई परेशानी: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि अपील के दौरान कारोबारियों के पक्ष में फैसला आने पर जमा कराई गई 10 फीसदी राशि नहीं लौटाई जाती है। अधिकारी द्वारा यह कहा जाता है कि कारोबारी की दूसरी अपील लंबित है। जीएसटी की धारा 21 के तहत कार्रवाई करने के बाद कारोबारी से बिना किसी आदेश के राशि जमा कराने के लिए दबाव बनाया जाता है।
इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। दबाव के चलते कारोबारी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कारोबार भी प्रभावित होता है। वहीं वसूली की कार्रवाई से कारोबारी के क्रेडिट या कैप्स लेजर के बैलेंस से डेबिट कर दिया जाता है। यह धारा 78-79 और आर्टिकल 14 व 19(1) संविधान के खिलाफ है। इसी तरह कम्पोजीशन डीलर पर 1 फीसदी टैक्स की दर को 0.25 फीसदी किए जाने जीएसटी कौंसिल में भेजने कहा गया है।
सुझाव मांगे: कैट के वरिष्ष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि प्रदेशभर के कारोबारियों और उद्योगपतियों के साथ ही इससे जुडे़ हुए सभी पक्षों से सुझाव मांगे गए हैं। 27 अगस्त को रायपुर में जीएसटी अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक के दौरान इस पर चर्चा होगी। साथ ही उक्त सुझाव को जीएसटी कौंसिल की बैठक में विभाग की ओर से भेजा जाएगा साथ ही संगठन की ओर से मांग रखी जाएगी।