रायपुर

जमीन गाइडलाइन दरों पर बड़ा बदलाव! साय सरकार ने बढ़ोतरी के प्रावधान लौटाए, पूरे राज्य में एक समान व्यवस्था लागू

CG News: जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए जारी नई कलेक्टर गाइडलाइन दरों में भारी बढ़ोतरी के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

3 min read
Dec 08, 2025
जमीन की कीमतों में भारी उछाल! 500% तक बढ़ी गाइडलाइन दरें, CM साय बोले- जनता को परेशानी नहीं होने देंगे...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों को लेकर लगातार उठ रही आपत्तियों के बीच बड़ा बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार को संकेत दिए थे कि जरूरत पड़ने पर सरकार इस मामले में पुनर्विचार कर सकती है। इसके तुरंत बाद सरकार ने सोमवार को केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक में कई बड़े निर्णय लेते हुए हाल ही में जारी की गई बढ़ोतरी से जुड़े प्रमुख प्रावधानों को वापस ले लिया है।

ये भी पढ़ें

CG Elephant Attack: धान की रखवाली कर रही महिला को हाथी ने मार डाला, सरगुजा में दूसरी महिला घायल

CG News: केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड में लिए गए निर्णय

बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया जाए। अब पुनः पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान एवं कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटा दिया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।

केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान भी लागू किए हैं। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इस निर्णय से मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान मिलने में मदद मिलेगी।

कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए 25 प्रतिशत कमी के साथ भूखंड की दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति के आधार पर अधिक न्यायसंगत मूल्यांकन संभव होगा।

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को यह भी निर्देशित किया है कि हाल ही में दरों में वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।

इन सभी निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू घोषित किया गया है, जिससे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।

मुख्यमंत्री साय बोले- जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे

तेजी से बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मामले पर संज्ञान लिया। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि सरकार जनता की परेशानी कम करने के लिए हर विकल्प पर विचार करेगी। आवश्यकता हुई तो गाइडलाइन दरों में संशोधन किया जाएगा।

2017 के बाद पहली बार हुई समीक्षा

मुख्यमंत्री साय के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था, जबकि नियम के अनुसार इन दरों की हर साल समीक्षा होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि नई गाइडलाइन से राजस्व बढ़ने और भूमि के वास्तविक मूल्यांकन जैसे सकारात्मक पहलू भी हैं, मगर ये लाभ अभी जनता तक नहीं पहुंच पाए हैं।

किसान-व्यापारी और राजनीतिक दलों ने खोला मोर्चा

राज्यभर में नई गाइडलाइन के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। कई स्थानों पर व्यापारी संगठनों और किसान समूहों ने बैठकें कर सरकार से दरों में कमी की मांग उठाई। विपक्ष ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बताते हुए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेताया कि बढ़ी हुई दरें अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी।

विपक्ष का प्रदर्शन जारी, सरकार दे सकती है राहत

विपक्षी दल रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं और गाइडलाइन दरों को तात्कालिक रूप से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बढ़ते विरोध को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार दरों में संशोधन या आंशिक राहत देने का बड़ा निर्णय ले सकती है। प्रदेशवासियों की नजर अब सरकार के अगले कदम पर टिकी है, जो जमीन बाजार और आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक असर डाल सकता है।

Updated on:
08 Dec 2025 01:59 pm
Published on:
08 Dec 2025 11:06 am
Also Read
View All

अगली खबर