Mahadev Satta: महादेव बुक ऐप और रेड्डी अन्ना के संचालक सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
Mahadev Satta: रायपुर-भिलाई के सटोरिए पुणे में महादेव सट्टा बुक और रेड्डी अन्ना का पैनल चला रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस की टीम ने छापा मारा। मौके से 5 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें भिलाई के 4 सटोरिए भी शामिल हैं। सट्टे का पैसा ट्रांसफर करने के लिए दूसरे के बैंक खाते का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। आरोपियों के पास से बड़ी संख्या (Mahadev Satta) में एटीएम कार्ड, मोबाइल, बैंक खाते व अन्य दस्तावेज बरामद हुआ है।
मामले का खुलासा करते हुए एएसपी क्राइम संदीप मित्तल ने बताया कि फूल चौक निवासी दशरथ निषाद से बढ़ईपारा निवासी मोहित विश्वकर्मा ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बैंक खाता खुलवाया। उस बैंक खाते के लिए दिए गए दस्तावेजों के आधार पर एक मोबाइल नंबर ले लिया। बैंक खाते का पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया। इसके बाद उस खाते का इस्तेमाल महादेव सट्टा ऐप के पैसों के लेन-देन के लिए करता था।
इसकी शिकायत उसने मौदहापारा थाने में की। जांच के दौरान आरोपियों द्वारा पुणे के सांगरिया फेस-03 के एक फ्लैट में सट्टा चलाने का पता चला। पुलिस की टीम ने फ्लैट में छापा मारा। मौके से अतुल भगवान पराते के अलावा भिलाई के विक्रांत रंगारे, अंशुल रेड्डी, देवेंद्र कुमार विशाल उर्फ टिंकू और कुशल ठाकुर को गिरफ्तार किया गया। आरोपी महादेव बुक ऐप और रेड्डी अन्ना का पैनल 15 चला रहे थे। पुलिस ने सभी के खिलाफ अपराध दर्ज किया। उन्हें रायपुर लाया गया।
आरोपियों के पास से 47 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 1 टैबलेट, 2 राउटर, 2 लैपटॉप चार्जर, 3 रजिस्टर, 20 पासबुक, 35 चेकबुक, 7 ऑनलाइन बैंकिंग किट तथा 56 एटीएम कार्ड बरामद हुआ है। जब्त सामान (Mahadev Satta) की कीमत 12 लाख 50 हजार रुपए बताई गई है।
सट्टे के पैसे के लिए बैंक खाता खुलवाने वाला मोहित विश्वकर्मा फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में लगी है। मौके पर मिले एटीएम कार्ड और बैंक खातों की पुलिस जांच कर रही है। सभी बैंक खाते प्राइवेट बैंकों के हैं।
महादेव बुक ऐप और रेड्डी अन्ना के संचालक सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा कई राज्यों में लाखों रुपए में पैनल बेचकर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलवा रहे हैं, लेकिन पुलिस इन्हें पकड़ नहीं पाई है।