Mahtari Vandan Yojana: सचिव ने कहा कि रायपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा क्षेत्रीय स्तर के अधिकारी नियमित रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें।
Mahtari Vandan Yojana: प्रदेश में 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। इसमें कुछ गड़बड़ियां भी समय-समय पर सामने आई हैं। अब सरकार गड़बड़ी रोकने के लिए कड़ाई करने का फैसला लिया है। यही वजह है कि महिला एवं बाल विकास सचिव शमी आबिदी ने सोमवार को इंद्रावती भवन में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान महतारी वंदन योजना में हितग्राहियों के घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन मामलों में लाभार्थी पते पर उपलब्ध नहीं हैं, दस्तावेज अधूरे हैं या हितग्राही की मृत्यु हो चुकी है, उनकी जानकारी तत्काल सत्यापित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, सीडीपीओ और डीपीओ पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक पी. एल्मा, संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारी, रायपुर जिले की कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर, सीडीपीओ तथा सुपरवाइजर उपस्थित रहे।
Mahtari Vandan Yojana: सचिव ने कहा कि रायपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा क्षेत्रीय स्तर के अधिकारी नियमित रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें। इसकी वास्तविक स्थिति का आंकलन कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण केवल औपचारिकता न होकर, सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और हितग्राहियों तक योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंचाने का माध्यम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक होम राशन के वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। राशन वितरण और एंट्री में किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत मिलने पर संबंधित पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Mahtari Vandan Yojana: विभागीय सचिव ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण रोकने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाए, ताकि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं और सेवाओं का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब बच्चों, माताओं और किशोरियों को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त स्वस्थ जीवन मिल सके।
बैठक में पोषण ट्रैकर ऐप का सही उपयोग करने पर भी जोर दिया। बता दें 1 सितंबर से राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जिसके अंतर्गत प्रदेशभर में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी हैं, ताकि समुदाय में कुपोषण के प्रति जागरुकता बढ़े और पोषण स्तर में सुधार हो।
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