Nun Arrest Case: धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग से गिरफ्तार नन मामले में शुक्रवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है।
Nun Arrest Case: धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग से गिरफ्तार नन मामले में शुक्रवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। शनिवार इस मामले में निर्णय आने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दोनों ननों ने एनआईए कोर्ट में जमानत आवेदन लगाया है। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है।
बता दें कि 25 जुलाई को दो नन की दुर्ग से गिरफ्तारी हुई थी, दोनों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में कार्रवाई की गई थी। दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ था। 2 मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर 3 आदिवासी युवतियों को यूपी के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप लगाया गया। इन्हें बजरंग दल से जुड़े लोगों ने पकड़ा था।
नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे। दोनों नन दुर्ग जेल में बंद है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर केरल की दो ननों की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि इन ननों को झूठे आरोपों और दक्षिणपंथी संगठनों के दबाव में गिरफ्तार किया गया है।