रायपुर

Shankaracharya: राष्ट्रपिता कैसे हुए महात्मा गांधी? शंकराचार्य ने पाकिस्तान का जिक्र कर कह दी ये बड़ी बात…

Avimukteshwarananda Big Statement: काराचार्य ने कहा कि मोहन दास करमचंद गांधी इस देश के राष्ट्रपिता नहीं हो सकते हैं। पाकिस्तान की उदाहरण देकर उन्होंने समझाया।

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Oct 08, 2024

Shankaracharya: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शहर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपिता के रूप में महात्मा गांधी को मान्यता देने पर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भारत का कोई ‘राष्ट्रपिता’ नहीं हो सकता, क्योंकि भारत का कोई एक जन्मदाता नहीं है। शंकराचार्य का यह बयान चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने गांधी को राष्ट्रपिता बताने को अफवाह करार देते हुए कहा कि यह एक मिथ्या धारणा है, जिसे फैलाया गया है।

गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने की मांग

शंकराचार्य ने कहा कि गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है। उन्होंने बताया कि 22 सितंबर 2024 को अयोध्या धाम से रामकोट की परिक्रमा कर उन्होंने गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के अभियान की शुरुआत की थी। इस यात्रा का उद्देश्य भारत से पूरी तरह से गोहत्या के कलंक को मिटाना है। यात्रा के दौरान शंकराचार्य ने बताया कि इस अभियान को बड़ी सफलता तब मिली जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनके निर्देश पर देसी गाय को ’राज्यमाता’ घोषित किया और इस संबंध में प्रस्ताव शंकराचार्य जी को सौंपा।

Shankaracharya: गाय का भारतीय संस्कृति में महत्व

शंकराचार्य ने अपने संबोधन में गौवंश के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि गाय सिर्फ दूध या मांस के लिए नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में उसका आध्यात्मिक महत्व है। यज्ञ और धार्मिक कार्यों में गाय का स्थान विशेष होता है, और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। उन्होंने भगवद्गीता का हवाला देते हुए कहा कि भगवान ने भी कहा है कि यज्ञ और हम परस्पर एक-दूसरे के लिए बने हैं। यज्ञ में गाय और ब्राह्मण का महत्व सबसे अधिक होता है।

शंकराचार्य ने महाराज दिलीप की कथा सुनाते हुए कहा कि गुरु वशिष्ठ के निर्देशानुसार महाराज दिलीप ने गौसेवा की, जिससे उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि भगवान राम भी इसी वंश में अवतरित हुए थे, इसलिए गौसेवा परम आवश्यक है। उन्होंने भगवद्गीता का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘गवां मध्ये वसायह’’ अर्थात भगवान स्वयं कहते हैं कि वे हमेशा गायों के बीच निवास करते हैं।

भारत प्राचीन है, इसका कोई ‘राष्ट्रपिता’ नहीं हो सकता

Shankaracharya: शंकराचार्य ने कहा कि महात्मा गांधी को ’राष्ट्रपिता’ कहना एक अफवाह है। यदि गांधीजी को राष्ट्रपिता माना जाता है, तो उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने किस राष्ट्र को जन्म दिया? भारत पहले से अस्तित्व में है और इसका कोई जन्मदाता नहीं है। जब पाकिस्तान का गठन हुआ, तब मोहमद अली जिन्ना को ’कायदे आजम’ कहा गया, क्योंकि वह एक नया राष्ट्र था, लेकिन भारत प्राचीन है और इसका कोई ’राष्ट्रपिता’ नहीं हो सकता।

Updated on:
08 Oct 2024 01:11 pm
Published on:
08 Oct 2024 01:09 pm
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