रायपुर शहर (Raipur city) को स्मार्ट (smart) बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च (spending crores of rupees) कर स्मार्ट रोड (smart roads) तैयार किया गया, लेकिन गाड़ियों की अव्यवस्थित पार्किंग (haphazard parking of vehicles) ने इसकी खूबसूरती और उपयोगिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांधी मैदान, बैजनाथ पारा और नहरपारा मार्ग (Gandhi Maidan, Baijnath Para and Naharpara Marg) पर सड़कें अब पार्किंग स्थल में तब्दील हो गई हैं।
शहर की स्थिति यह है कि कई इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और लोगों को रोजाना जाम का सामना करना पड़ रहा है। गांधी मैदान के पास एक निर्धारित पार्किंग स्थल है, लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी गाड़ियों को सड़क पर खड़ा करना पसंद करते हैं। दोपहिया और चारपहिया वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग से सड़कें संकरी हो गई हैं। इससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बैजनाथ पारा और नहरपारा मार्ग पर भी यही स्थिति बनी हुई है। स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन ने स्मार्ट रोड तो बना दिया, लेकिन पार्किंग की समस्या को हल करने में पूरी तरह असफल रहे। वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग के चलते यहां आए दिन जाम की स्थिति बनती है।
जोन-4 के समीप स्मार्ट मार्ग पर भी वाहन चालकों की लापरवाही देखी जा सकती है। जगह-जगह दोपहिया और चारपहिया वाहन सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे ट्रैफिक सुचारू रूप से नहीं चल पाता। यहां तक कि इमरजेंसी वाहनों को भी निकलने में कठिनाई होती है।
सिर्फ पार्किंग ही नहीं, बल्कि स्मार्ट रोड के निर्माण में गुणवत्ता की कमी भी सामने आ रही है। बैजनाथ पारा और नहरपारा मार्ग में जगह-जगह पेवर ब्लॉक उखड़ने लगे हैं। करोड़ों रुपए की लागत से बनी इन सड़कों पर इस तरह की स्थिति ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।