रायपुर

खिलौने बेचने वाले सुनील बने छत्तीसगढ़ के संगीतकार, बोले- संगीत ने जिंदगी की मेरी धुन ही बदल दी….

Chhattisgarhi Singer: छत्तीसगढ़ी सिनेमा के चर्चित संगीतकार और गायक हैं। पत्रिका से खास बातचीत में उन्होंने अपने सफर के कई अनसुने पहलुओं को साझा किया।

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Jun 22, 2025
खिलौने बेचने वाले सुनील बने छत्तीसगढ़ के संगीतकार(photo-patrika)

Chhattisgarhi Singer:ताबीर हुसैन. एक वक्त था जब वे फुटपाथ पर झोला टांगकर खिलौने बेचते थे। दिन की कमाई से घर चलता और रात में लोक मंचों पर अपनी आवाज से लोगों का दिल जीतने की कोशिश करते। संघर्ष, सादगी और संगीत के बीच पले-बढ़े सुनील सोनी आज छत्तीसगढ़ी सिनेमा के चर्चित संगीतकार और गायक हैं। पत्रिका से खास बातचीत में उन्होंने अपने सफर के कई अनसुने पहलुओं को साझा किया।

Chhattisgarhi Singer: पत्रिका से खास बातचित...

सुनील बताते हैं बचपन में माता-पिता के साथ फुटपाथ पर गुजारा किया। दिन में खिलौने बेचता, रात को लोक मंचों पर गाता था। जीवन की जरूरतों को गीतों के सहारे पूरा किया। यही मेरी सबसे बड़ी संगीतशाला थी। सुनील कहते हैं, जो कुछ भी हूं, अपने माता-पिता, गुरुओं और श्रोताओं की दया से हूं। मेरा जीवन इस बात का प्रतीक है कि संघर्ष अगर सच्चे सुरों में ढल जाए, तो वह हर दिल को छू सकता है।

3000 से ज्यादा गीतों में आवाज

सुनील अब तक 50 से ज्यादा छत्तीसगढ़ी फिल्मों में संगीत और गायन दे चुके हैं। %भूलन द मेज% जैसी प्रतिष्ठित फिल्म, जिसे 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया, में उनका संगीत और गायन रहा। वे कहते हैं, वह मेरे लिए गर्व का क्षण था। पहली बार लगा कि मेरी तपस्या रंग लाई है।

हाल ही में रिलीज हुई सतीश जैन निर्देशित फिल्म ‘मोर छईहां भुईयां 3’ में भी उनका संगीत और गायन है। वे मां सरस्वती को अपना ईश्वर मानते हैं और लता मंगेशकर को प्रेरणास्त्रोत। सुनील का सपना है कि छत्तीसगढ़ की लोकधुनें पूरी दुनिया में गूंजें, हर कोना हमारे गीतों से महके। युवाओं से कहा कि संगीत के क्षेत्र में आने से पहले इसकी विधिवत शिक्षा लें फिर मेहनत करें।

Updated on:
22 Jun 2025 02:04 pm
Published on:
22 Jun 2025 01:25 pm
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