Viral Fever in CG: छत्तीसगढ़ में मौसमी बीमारियों के चलते वायरल फीवर के साथ पेट दर्द और आंखों में इंफेक्शन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।
Viral Fever in CG: बारिश के सीजन में पेट दर्द, वायरल फीवर (Viral Fever), सर्दी व खांसी के मरीज बढ़ गए हैं। आंख में इंफेक्शन वाले मरीज भी आ रहे हैं। इन दिनों आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन, चेस्ट व पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी फुल है। जिला व निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संया काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के सीजन में इंलूएंजा फैलाने वाले वायरस बढ़ जाते हैं। बारिश में भीगने से भी स्वास्थ्य खराब हो जाता है। ऐसे में बारिश में न भीगें तो ठीक है।
सरकारी व निजी अस्पतालों में मौसमी बीमारी से ग्रसित लोग बड़ी संया में आने लगे हैं। कई मरीजों की खांसी 15 दिनों में भी ठीक नहीं हो रही है। आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन, चेस्ट व पीडियाट्रिक विभाग में इन दिनों 500 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें 20 से 25 फीसदी मरीज वायरल के हैं। बच्चे भी काफी बीमार पड़ रहे हैं, क्योंकि बारिश में मौसम काफी नम है।
पीडियाट्रिक विभाग में नवजात से लेकर 14 साल उम्र के मरीज आ रहे हैं। वहीं, मेडिसिन व चेस्ट में बड़े उम्र वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, इस मौसम में जरा सी लापरवाही करने पर बच्चे ही नहीं, बड़े भी बीमार पड़ रहे हैं। खासकर बुजुर्ग व बच्चों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे सबसे पहले बीमार होते हैं।
Viral Fever in CG: आंबेडकर अस्पताल के एचओडी चेस्ट डॉ. आरके पंडा ने पत्रिका को जानकारी दी कि बारिश के सीजन में वायरल फीवर (Viral Fever) व इंलुएंजा के काफी मरीज आ रहे हैं। सर्दी व खांसी के मरीज भी बढ़े हैं। ऐसे मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत है। जहां तक हो सके, बारिश में भीगने से बचने की जरूरत है। बासी खाने से भी बचें।
बारिश के सीजन में ठेले खोमचों में बिक रही चीजों को खाने से बचें। इसमें भिनभिनाती हुई मक्खियां खाने की चीजों को दूषित कर देती हैं। इससे पेट खराब होने की आशंका बनी रहती है। ओपीडी में ऐसे कई मरीज आ रहे हैं, जिनको पेट दर्द या पेट में इंफेक्शन हो रहा है।
बारिश के सीजन में बासी खाना खाने से भी बचने की सलाह डॉक्टर देते हैं। बासी भोजन में वायरस जल्दी पनपता है। ताजे व गर्म खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। बारिश में पानी मटमैला हो जाता है या सीवर के पानी मिलने की आशंका भी रहती है। इससे पानी दूषित हो जाता है। 20 मिनट तक पानी को उबालकर पीने से पानी में रहने वाला बैक्टीरिया मर जाता है।