सुगम होगा सैलानियों का सफर, ऐतिहासिक व धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ेगा राष्ट्रीय राजमार्ग 162-ई, भटेवर से वाया हल्दीघाटी-कुंभलगढ़ होकर चारभुजा तक 142 किमी सड़क का निर्माण प्रगति पर
गिरीश पालीवाल
राजस्थान के नाथद्वारा में प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन, हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की रणस्थली का वंदन, कुंभलगढ़ (प्रताप की जन्मस्थली) में दुर्ग के वैभव और गढ़बोर में चारभुजानाथ के दर्शनों की अनुभूति के लिए मेवाड़ में आने वाले दर्शनार्थियों, पर्यटकों को सफर में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से करीब 800 करोड़ की लागत से स्वीकृत 142 किलोमीटर 228 मीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 162-ई अब धीरे-धीरे आकार लेने लगा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन इस सड़क की सीमा और नियमों में आने वाली भूमियों और भवनों की अवाप्ति पहले ही हो चुकी है। पर्यटक हों या स्थानीय लोग, सबको इंतजार है तो बस सुगम और आरामदायक सफर के लायक सड़क बनकर तैयार हो जाने का। एनएचआई की देखरेख में बन रही इस सड़क का निर्माण 2 पैकेज में बांटा गया है।
पैकेज-1 में चारभुजा से केलवाड़ा, लोसिंग, हल्दीघाटी-खमनोर होते हुए निचली ओडन तक, जबकि पैकेज-2 में निचली ओडन से मावली, वल्लभनगर होते हुए भटेवर तक सड़क बन रही है। पैकेज 1 का 75 फीसदी काम हो चुका है। इसकी कार्यावधि सितंबर 2025 तक बताई गई है। वहीं, पैकेज-2 का काम शुरू किया जा चुका है, जिसकी कार्यावधि अक्टूबर 2026 बताई गई है। एनएचआई अधिकारियों व संवेदक का कहना है कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में ही पूरा करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं।
पैकेज-1 में चारभुजा से निचली ओडन तक 88 किलोमीटर 800 मीटर सड़क बन रही है। इस टुकड़े में 255 छोटी पुलियाएं बनी हैं। इसके अलावा 23 (मेजर-माइनर) ब्रिज बने हैं। 21 ब्रिज पूर्णतया बन गए हैं, जबकि दो का काम चल रहा है। सड़क में कुल 3 अंडरपास (दो बड़े व एक छोटा) बनाए गए हैं। अंडरपास केलवाड़ा, ओलादर व बरवाड़ा में बने हैं। 88.8 किमी में से 60 किलोमीटर सड़क पर डामरीकरण हो चुका है। 255 में से 90 फीसदी पुलियाओं का काम भी पूरा हो चुका है। पैकेज-1 में करीब 400 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान बताया गया है।
पैकेज-2 में निचली ओडन से भटेवर तक 53 किलोमीटर 340 मीटर लंबी सड़क का काम शुरू हो चुका है। इस टुकड़े में छोटी-बड़ी कुल 113 छोटी पुलियाएं बनाना प्रस्तावित है। सड़क पर 5 ब्रिज (मेजर-माइनर) बनाए जाएंगे, जबकि ओडन व मावली के आसपास कुल 2 अंडरपास बनाए जाएंगे। मार्ग में रेल लाइनों को देखते हुए 3 रेलवे ओवरब्रिज भी बनेंगे, जिनमें 2 ब्रिज मावली जंक्शन के पास और एक वल्लभनगर में रेलवे लाइन क्रॉसिंग पर बनेगा। अक्टूबर 2026 इसकी कार्यावधि है।
इस मार्ग पर आने वाले पर्यटकों के वाहनों सहित सड़क पर चलने वाले सभी श्रेणी के वाहनों (टू-व्हीलर को छोड़कर) का निर्धारित यात्रा शुल्क लगेगा। पूरे 142 किलोमीटर के रोड में कुल 3 टोल प्लाजा बनाने की बात सामने आई है। इनमें दो तो लगभग तय कर लिए गए हैं। एक टोल प्लाजा खमनोर-हल्दीघाटी क्षेत्र के बलीचा राजस्व गांव में रेबारियों की ढाणी के पास, जबकि दूसरा राजसमंद के कुंभलगढ़ क्षेत्र में ओलादर व मजेरा के आसपास लगना तय है। तीसरा टोल वल्लभनगर के आसपास बनाया जाना प्रस्तावित है।
पहले निचली ओडन से खमनोर-हल्दीघाटी, कुंभलगढ़ और चारभुजा तक पहाड़ी इलाकों में सड़क के अधिकांश भाग में चौड़ाई 3 मीटर और कहीं-कहीं 5 मीटर तक ही थी। संकरी पुलियाओं पर वाहनों को निकलने में परेशानी, बारिश में सड़क पर पानी के बहाव से कटाव, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
अब मार्ग पहले से लगभग दोगुना चौड़ा होगा। तकनीकी मापदंडों के अनुरूप सड़क की चौड़ाई कुल 10 मीटर (2 लेन विद पेव्ड शोल्डर) होगी। दावा किया जा रहा है कि निर्माण पूरा होने पर वर्षभर के किसी भी मौसम में कोई बाधा नहीं रहेगी। बारिश का पानी एकत्र नहीं होगा। सड़क पर वाहनों की आवाजाही में सुगमता व यातायात सुविधाजनक होगा।
चारभुजा-भटेवर राजमार्ग के काम की गति वर्क ऑर्डर की निर्धारित कार्यावधि के अनुसार चल रही है। राजमार्ग से संबंधित सभी प्रकार के निर्माण तय मांपदंडों और समय में ही पूरे कर लिए जाएंगे।