प्रेमानंद जी महाराज ने विवेक बिंद्रा के अटपटे सवाल पर जो जवाब दिया, वह अब वायरल हो रहा है। इस लेख में पढ़िए, महाराज श्री का आंख खोल देने वाला जवाब।
Premenanad Ji Maharaj Pravachan Vivek Bindra: प्रेमानंद जी महाराज को करोड़ों लोग सिर्फ सुनते ही नहीं, बल्कि उनकी वाणी को जीवन में उतारने की कोशिश भी करते हैं। बड़े-बड़े सेलेब्रिटी हो या कोई खिलाड़ी हर कोई उनके प्रवचनों का कायल है। ये हस्तियां, उनसे मिलने भी जाती है और अपने मन के सवालों का जवाब भी पूछती है। इसी कड़ी में बिजनेसमेन और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा भी प्रेमानंद जी का आशीर्वाद लेने पहुंचे। बातचीत के दौरान उन्होंने एक सवाल पूछ डाला, जो कि अब वायरल है। कुछ लोग इस सवाल को अजीब और बेतुका बता रहे हैं, तो कुछ इसे पॉजिटिवली देख रहे हैं। इस लेख में पढ़िए, महाराज श्री ने विवेक बिंद्रा को क्या जवाब दिया, जिसकी चर्चाएं अब तेज हैं।
सवालः हम बिजनेस में बहुत सारी कंपनियों से रिश्ता छोड़ देते हैं, जिनमें मांस भक्षण हो रहा हो, जुआ-सट्टा, लॉटरी हो, व्यभिचार हो। इससे हमारा बिजनेस लॉस तो होता है, पर कई बार मन में आता है कि क्या ऐसा करना भी सही है?
जवाबः सही है, उत्तम है। बिजनेस का लॉस होना कोई खास लॉस नहीं है, लेकिन धर्म का लॉस होना सबसे बड़ा खास लॉस है। अगर हमारा जो धर्म है, चरित्र है, मतलब चरित्रहीनता और खूब बिजनेस, खूब रुपया! धन का लॉस होना कोई खास लॉस है क्या। खास लॉस है चरित्र का लॉस होना। कैरेक्टर इज लॉस, एवरीथिंग इज लॉस। तो आहार सही नहीं है, चरित्र सही नहीं है, तुम्हारा उद्देश्य सही नहीं है, तो हम तुम्हारा संग छोड़ देंगे। आपके संग का प्रभाव हमारे ऊपर भी पड़ेगा। हम भले ना पड़ने दें, पर चार लोगों की दृष्टि में रहेगा। तो हमारे चरित्र पर बात आएगी, तो बिजनेस को नहीं कहना सही है। बिजनेस इज लॉस, नथिंग इस लॉस। कैरेक्टर को, चरित्र को, धर्म को बचाइए। ये कंपनियों का छोड़ना कोई बड़ी बात नहीं। सबसे बड़ा बिजनेसमेन आपका (भगवान) है। इसी के साथ जितने भी बिजनेस हैं, ब्रह्मांड़ में इसी के पास है। सबसे बड़ा फैक्ट्री का मालिक यही है। सबका मालिक है वो और वो आपका फ्रेंड है, फिर किससे क्या लेना-देना। जहां इसके (ईश्वर के) विरुद्ध चल रहा हो, उसका त्याग कर देना चाहिए।