Saraswati Vidya Mantra: प्रयागराज, वाराणसी से उज्जैन तक देश के कई हिस्सों में आज ज्ञान की देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव बसंत पंचमी मनाई जा रही है। पुरोहितों की मानें तो स्टूडेंट्स को वैसे तो रोज, लेकिन वसंत पंचमी को विशेष रूप से सरस्वती विद्या मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके कई फायदे होते हैं।
Saraswati Vidya Mantra Benifit: वाराणसी के पुरोहित शिवम तिवारी के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा कर बच्चों का विद्यारंभ कराना चाहिए। इससे बच्चे पर मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है। इस दौरान सरस्वती विद्या मंत्र जरूर जपना चाहिए। विद्यार्थी इस मंत्र को जपते हैं तो उन्हें कई लाभ होते हैं।
पं. तिवारी के अनुसार सरस्वती विद्या मंत्र का नियमित जाप करने से बुद्धि का विकास होता है और पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। बातचीत करने का तरीका बेहतर होता है। सरस्वती विद्या मंत्र का उच्चारण करने से छात्रों की इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प बढ़ता है। आइये जानते हैं क्या है सरस्वती विद्या मंत्र
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थः हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूं। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरंभ कर रहा हूं, मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले। जो समस्त प्राणियों में ज्ञान रूपी देवी हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार।
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शिवम तिवारी के अनुसार सरस्वती विद्या मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय प्रात:काल है। इस मंत्र का जाप उत्तर दिशा की ओर मुख करके प्रतिदिन 12 बार या 24 बार करना चाहिए। बसंत पंचमी पर इस मंत्र को विशेष रूप से पढ़ना चाहिए।