Sawan 2025: 21 जुलाई 2025, सावन का दूसरा सोमवार, एक अत्यंत शुभ अवसर है जब आप भगवान शिव की पूजा कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। अगर आप विशेष फूल पाना चाहते हैं तो शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ा सकते हैं। ऐसे करने से आपकी मनचाही इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
Sawan 2025: हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस माह में भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, और भगवान शिव के प्रिय मंत्रों का जाप करते हैं। मान्यता है कि सावन के सोमवार को विधिपूर्वक व्रत रखने और शिवलिंग पर पूजन करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन 2025 का दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन शिवलिंग पर विशेष सामग्री चढ़ाने और शिव मंत्रों का जाप करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान शिव की पूजा में जिन वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है, उनका विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। आइए जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में जो आप 21 जुलाई को शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं।
भगवान शिव को गंगाजल अत्यंत प्रिय है। शिवलिंग पर इसका अभिषेक करने से पवित्रता प्राप्त होती है और पापों का क्षय होता है।
त्रिशक्ति का प्रतीक यह पत्ता शिव के त्रिनेत्र को दर्शाता है। साफ, बिना कटे फटे बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ होता है।
धतूरा शिवजी का प्रिय फूल है। यह उनके औघड़ रूप से जुड़ा है और पूजा में इसका उपयोग विशेष रूप से सावन में होता है।
शिवजी को भांग अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं। यह भक्त की भक्ति और त्याग का प्रतीक है।
शमी पत्ते को बुरे प्रभावों से रक्षा करने वाला माना जाता है। इसे अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
सफेद चंदन शिवलिंग पर लगाने से शीतलता, शांति और मानसिक स्थिरता मिलती है।
अक्षत समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक है। शिवलिंग पर इन्हें अर्पित करना शुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर काले तिल और शहद चढ़ाने से रोग, दोष और बुरी नजर से मुक्ति मिलती है।
दूध से अभिषेक करने से चित्त की शुद्धि होती है और दही से जीवन में मिठास आती है।
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
यह मंत्र मृत्यु भय को दूर करता है और आरोग्य व आयुष्य प्रदान करता है।
जटा टवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्॥
यह सबसे सरल और प्रभावशाली शिव मंत्र है, जो आत्मा को शुद्ध करता है और शिव से सीधा जुड़ाव बनाता है।
“ॐ तत्त्वाय च विद्महे रुद्राय च धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”
यह मंत्र रुद्र तत्व को जाग्रत करता है और जीवन में शक्ति, साहस और स्थिरता लाता है।