डॉक्टर्स डे पर विशेष: डॉ. मनीष झा ने तैयार की गीत-गीता, डॉ. निधि मिश्रा समाजसेवा के साथ कर रहीं चित्रकारी सागर . डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। मरीजों के प्रति उनका समर्पण भाव आमजन को उनसे जोड़े रखता है। शहर में वैसे तो कई डॉक्टर हैं, जो मरीजों की […]
डॉक्टर्स डे पर विशेष: डॉ. मनीष झा ने तैयार की गीत-गीता, डॉ. निधि मिश्रा समाजसेवा के साथ कर रहीं चित्रकारी
सागर . डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। मरीजों के प्रति उनका समर्पण भाव आमजन को उनसे जोड़े रखता है। शहर में वैसे तो कई डॉक्टर हैं, जो मरीजों की सेवा कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनमें डॉक्टरी पेशे के साथ कई विविध प्रतिभाएं भी छिपी हुई हैं। जो मरीजों के सेवा करने के साथ अपनी कला के माध्यम से भी उनको जीवन जीना सिखा रहे हैं। शहर में ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने गीता का अनुवाद हिंदी में करके लोगों को गीता पढ़ना सिखा दिया, वहीं कैनवास पर रंग भरकर पर्यावरण और प्रकृति का समझने का संदेश भी दे रही हैं।
शहर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष झा ने गीत-गीता तैयार की है। पुस्तक को भारतीय ज्ञान पीठ ने प्रकाशित किया है, जो संस्कृत का अनुवाद है। सबसे खास यह है कि उन्होंने मूल गीता के 700 श्लोकों का दोहा-चौपाई और छंद में अनुवाद कर उसकाे सरल रूप में लोगों के सामने रखा है। उन्होंने हिंदी सहित क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दों के साथ शब्दश: अनुवाद किया है। इस गीत-गीता के दोहों को मानस गान की धुनों पर शहर के ही कलाकारों ने स्वरबद्ध भी किया है, जिनका पाठ भी अब मंदिरों में शुरु हो गया है। डॉ. झा ने बताया कि उन्हें गीता की पहली प्रति कक्षा तीसरी में पिताजी के मित्र ने गोरखपुर में दी थी, जिसके बाद गीता पढ़ने में बेहद रुचि रही। मेरे मन में अक्सर यह विचार आता था कि संस्कृत का ज्ञान नहीं होने के कारण कई लोग गीता को सही तरीके से पढ़ व समझ नहीं पाते होंगे। इसी वजह से मैंने गीता का हिंदी में अनुवाद करना शुरु कर दिया। गीत-गीता पुस्तक को पढ़कर लोग आसानी से गीता का ज्ञान ले रहे हैं।
डॉ. निधि मिश्रा प्रतिष्ठित कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलाजिस्ट हैं, जो मरीजों के सेवा के लिए भी जानी जाती हैं। डॉ. निधि मिश्रा मकरोनिया में सेवा अस्पताल का संचालन कर रही हैं। डॉ. निधि मिश्रा बताया कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भी अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद शहर की महिलाओं के लिए मकरोनिया में अस्पताल शुरु किया। खास बात यह कि दिनभर की व्यस्तता के बावजूद वे अपने बचपन के शौक के लिए समय देती हैं। करीब 10 वर्षों से कैनवास पर चित्रकारी करते हुए पर्यावरण का संदेश दे रही हूं। रात में पेंटिंग करती हूं। पेंटिंग में ऑयल कलर का इस्तेमाल करती हूं। शहर में होने वाली एग्जीबिशन में सभी कलाकारों के साथ हिस्सा भी लेती हूं। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समय-समय पर नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन अस्पताल करती हूं। इससे महिलाओं के लिए स्वास्थ्य मिले।