किसानों को लगना पड़ा कतार में, 70 किसानों ने बेची उपज, 450 क्विंटल खरीदा सोयाबीन
बीना. भावांतर योजना के तहत कृषि उपज मंडी में शुक्रवार से खरीदी शुरू हुई है और पहले दिन ही सर्वर ने किसानों को परेशान कर दिया, जिससे पंद्रह मिनट तक प्रवेश पर्ची बनवाने में लगे। साथ ही डाक भी प्रभावित हुई।
भावांतर योजना के तहत शुक्रवार को 70 किसानों ने करीब 450 क्विंटल सोयाबीन बेचा, लेकिन गेट पर प्रवेश पर्ची बनाने और आधार कार्ड नंबर अपलोड करने में पंद्रह मिनट का समय लगने से परेशान होना पड़ा। पर्ची बनाने के लिए किसानों को कतार में लगकर इंतजार करना पड़ा। पर्ची बनने में देरी होने पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई। सर्वर खराब होने से बीच-बीच में डाक भी रोकनी पड़ी। एसडीएम विजय डेहरिया ने भी निरीक्षण कर किसानों से चर्चा की और सुधार के लिए मंडी अधिकारियों को निर्देशित किया। महेरी गांव से आए किसान राहुल ठाकुर ने बताया कि उन्हें पर्ची बनवाने में करीब पंद्रह मिनट लगे। इसके बाद डाक, नीलामी हो सकी। इसी तरह कंजिया के किसान केशवराम ने बताया कि उन्हें 25 मिनट में पर्ची मिल सकी।
गुणवत्ता के अनुसार मिले दाम
सोयाबीन की डाक, नीलामी गुणवत्ता के आधार पर हुई और 3370 से लेकर 4495 रुपए क्विंटल तक बिका। भावांतर योजना के तहत मोहम्मद शाहिद का सोयाबीन 3741 रुपए क्विंटल बिका। मॉडल रेट 3932 और समर्थन मूल्य 5328 के बीच का अंतर के किसान को 1396 रुपए मिलेंगे।
नकद रुपए के लिए नहीं लिया योजना का लाभ
योजना के तहत व्यापारी किसानों का भुगतान सीधे खाते में करेंगे। खाते में राशि देने पर कुछ किसानों ने भावांतर योजना का लाभ नहीं किया। क्योंकि किसानों को अभी नकद की जरूरत है और खाते में रुपए आने में समय लगता है। नकद रुपयों के लिए भावांतर की राशि नहीं ली।
अलग नहीं बनाई व्यवस्था
मंडी में भावांतर योजना के तहत आने वाले सोयाबीन की डाक, नीलामी करने के लिए अलग से व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों ने दिए थे, लेकिन पहले दिन यह व्यवस्था नहीं बन सकी। मंडी अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन व्यवस्था नहीं बन सकी है और आगे अलग से व्यवस्था बनाई जाएगी।