विसर्जन स्थलों पर प्रकाश व गोताखोरों के साथ सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की सागर. शहर के प्रमुख विसर्जन स्थलों पर जिला व पुलिस प्रशासन ने तमाम तैयारियां पूरी कर लीं हैं। बड़ी नदी लेहदरा नाका, चितौरा, बन्नाद, राजघाट समेत अन्य स्थानों के विसर्जन स्थलों पर साफ-सफाई, घाटों पर रंगरोगन, रोशनी आदि की व्यवस्था की गई […]
विसर्जन स्थलों पर प्रकाश व गोताखोरों के साथ सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की
सागर. शहर के प्रमुख विसर्जन स्थलों पर जिला व पुलिस प्रशासन ने तमाम तैयारियां पूरी कर लीं हैं। बड़ी नदी लेहदरा नाका, चितौरा, बन्नाद, राजघाट समेत अन्य स्थानों के विसर्जन स्थलों पर साफ-सफाई, घाटों पर रंगरोगन, रोशनी आदि की व्यवस्था की गई है। विसर्जन स्थलों पर प्रशासन ने गोताखोरों की विशेष रूप से तैनाती के निर्देश दिए हैं। सबसे ज्यादा गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन लेहदरा नाका पर किया जाता है, जहां पर बड़ी प्रतिमाओं के लिए क्रेन की सुविधा उपलब्ध रहेगी और क्रेन के माध्यम से ही बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
समितियों द्वारा शहर में स्थापित की गईं गणेश प्रतिमाएं चल समारोह के रूप में बड़ी नदी, चितौरा व बन्नाद तक पहुंचती हैं। शहर में कई स्थानों पर मार्ग में गड्ढे हैं, जिससे झांकियों के अव्यवस्थित होने का खतरा है। राधा तिराहा जहां से अधिकांश प्रतिमाएं निकलती हैं, वहां भी मार्ग पर गड्ढे हैं।
नगर निगम प्रशासन ने हमेशा की तरह इस बार भी लाखा बंजारा झील में प्रतिमाओं का विसर्जन न हो, इसके लिए प्रयास किए हैं। शहर के पांच स्थानों चकराघाट, संजय ड्राइव, विजय टॉकीज चौराहा, कटरा बाजार व काकागंज में ट्रैक्टर-ट्रॉली की सुविधा श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जाएगी। निगमकर्मी श्रद्धालुओं से उनकी प्रतिमाओं लेकर उनको विधि-विधान से बड़ी नदी में विसर्जित करेंगे।