संभाग के शहरों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया। विजिबिलिटी 50 मीटर से कम रही, जिससे सडक़ों पर कुछ नजर नहीं आया। कोहरे साथ सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट हुई। हल्की धूप निकली, लेकिन धूप का अहसास नहीं हुआ। सोमवार को सागर में सीजन का सबसे सर्द दिन रहा।
संभाग के शहरों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया। विजिबिलिटी 50 मीटर से कम रही, जिससे सडक़ों पर कुछ नजर नहीं आया। कोहरे साथ सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट हुई। हल्की धूप निकली, लेकिन धूप का अहसास नहीं हुआ। सोमवार को सागर में सीजन का सबसे सर्द दिन रहा। 24 घंटे में ही दिन के तापमान में 4 डिग्री लुढ़ककर 23.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम 8.9 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग ने मंगलवार को भी टीकमगढ़ और छतरपुर जिले में घने कोहरे की संभावना जताई है। इसके साथ सागर में यलो अलर्ट जारी हुआ है, यानी मध्यम कोहरा छाया रहेगा। संभाग के सभी जिलों में न्यूनतम तापमान 7 से 8 डिग्री पर पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक सुबह और रात के समय कोहरा और ठंड का असर बना रह सकता है। वाहन चालकों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, वहीं बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाव रखने की जरूरत है।
मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य एवं ऊपरी क्षोभमंडलीय पश्चिमी पवन प्रवाह के स्तरों में एक द्रोणिका (ट्रफ) के रूप में स्थित है। जेट स्ट्रीम हवाएं समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर नॉर्थ वेस्ट इंडिया में बनी हुई है। इन्हीं सर्द हवाओं का असर पूरे मप्र में दिखाई दे रहा है। सागर संभाग भी इससे प्रभावित है।
कोहरे और शीतलहर में लोग सावधानी रहें। घना कोहरा देर रात और सुबह के समय, दृश्यता को काफी कम कर सकता है। कम दृश्यता के कारण सडक़, रेल एवं हवाई परिवहन प्रभावित हो सकता है। यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना उसी अनुसार बनाने की सलाह दी जाती है।
घने कोहरे के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें। आवश्यक हो तो वाहन धीमी और स्थिर गति से चलाएं तथा आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
वाहन चलाते समय फॉग लैंप या लो-बीम हेडलाइट का उपयोग करें, हाई-बीम लाइट का उपयोग न करें।
कोहरे में मौजूद कण पदार्थ से फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है। खांसी व सांस लेने में कठिनाई बढ़ सकती है। इसलिए व्यायाम करें और मास्क का प्रयोग करें।
शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते है। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। शीत लहर के पहले लक्षण पर ही डॉक्टर की सलाह लें।
शरीर की गर्माहट बनाए रखने के लिए अपने सर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को अच्छे से ढंके एवं पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जल रोधी जूते आदि पहनें। शीतलहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें। कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
दमोह - 20.8 8.5
सागर - 23.2 8.9
टीकमगढ़ - 23.0 8.4
नौगांव - 19.5 7.6
खजुराहो - 20.4 7.0
(नोट-तापमान डिग्री सेल्सियस में है)