राजघाट पर चल रही संगीतमय भागवत कथा। कथा को विभिन्न प्रसंगों के साथ समझाया गया। इस मौके पर कथा पंडाल में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।
देव राधारमण सेवा संस्थान द्वारा राजघाट पर वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने गुरुवार को हरे बोल कृष्ण के भजनों के साथ भागवत कथा की शुरुआत हुई। कथा के दौरान दो पत्र व्यास पीठ पर भेजे गए थे। जिसमें प्रश्न था सागर के कितने गुण होते है और कथा सुनने वालों को कौन सी साधवानी रखनी चाहिए। पुंडरीक महाराज ने कहा कि कथा का शौकीन सिर्फ कथा का ही होता है। उन्होंने कहा कि व्यास पीठ पर कथा व्यास से मिलना सर्वोच्च होता है, क्योंकि यहां आसन पर हरि मिल जाता है। उन्होंने कहा कि आजकल शादी में विभिन्न आयोजन में अंग्रेजी गानों का प्रयोग किया जाता है। फिल्मी गानों पर लोग झूमने लगते हैं, कहीं शादियों में अब हरि भजन नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि अब हिंदू विवाह में सनातन परंपराओं का अपमान किया जा रहा है, जो गलत है। सनातन परंपरा के अनुसार विवाह कराए जाने चाहिए।
पुंडरीक महाराज ने कहा कि देश में किसान और जवान दोनों पूजनीय है। उन्होंने बंगलादेश में घटित घटनाक्रम का ज्रिक कर कहा कि मानवता को बचाना जरूरी है। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की बात कही। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए शास्त्रों को आगे बढ़ाने की बात भी कही। कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन घटित घटना पर दुख प्रकट करते हुए घटनाक्रम के पीछे षड्यंत्र की ओर इशारा भी किया और स्थिति को संभालने सरकार के किए गए प्रयासों की तारीफ कर । मानवता के लिए बड़ी सेवा करार दिया।
कथा व्यास ने कहा कि सागर की धर्म प्रेमी जनता के धर्म आध्यात्म सनातन के प्रति भाव पर खुशी जाहिर कर की। उन्होंने कहा कि यहां वृंदावन जैसी अनुभूति के अहसास होता है। कथा को विभिन्न प्रसंगों के साथ समझाया गया। इस मौके पर कथा पंडाल में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।