ग्वालीपुरा पथरिया जाट में आयोजित सत्संग में शनिवार को ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कहा कि मनुष्य यदि सच्चे सत्संग का यथार्थ अर्थ समझ जाए तो उसके जीवन से सारी समस्याएं विदाई ले लें।
ग्वालीपुरा पथरिया जाट में आयोजित सत्संग में शनिवार को ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कहा कि मनुष्य यदि सच्चे सत्संग का यथार्थ अर्थ समझ जाए तो उसके जीवन से सारी समस्याएं विदाई ले लें। सत्संग केवल वह नहीं होता, जहां एक स्थान पर बैठकर हम प्रभु चर्चा करें या किसी संत या महंत के प्रवचन सुने। सच्चा सत्संग तो मन का होता है। हमारे मन में किस प्रकार के विचार चल रहे हैं, वही हमारा संग है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे मन में निगेटिव या व्यर्थ विचार चल रहे हैं, तो हम कुसंग में हैं, शरीर से भले हम चाहे मंदिर में क्यों न बैठे हों। हमारे मन में यदि सकारात्मक और श्रेष्ठ विचार हैं, तो हम सत्संग में हैं। श्रेष्ठ विचार हमें सच्चे ज्ञान से ही प्राप्त होती है।