विभागाध्यक्ष प्रो. कालीनाथ झा ने साहित्य की सृजनशीलता व उसकी रचनात्मकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता विभाग में मीडिया संवाद श्रृंखला के अंतर्गत ‘मीडिया की भाषा’ विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. कालीनाथ झा ने साहित्य की सृजनशीलता व उसकी रचनात्मकता पर प्रकाश डाला। दिल्ली विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. आशुतोष ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया का काम न केवल सूचना देना है बल्कि समाज को शिक्षित करने की जिम्मेदारी भी मीडिया की है। उन्होंने ध्वनि और भाषा में अंतर बताते हुए कहा कि भाषा हमारे व्यक्तित्व का आईना है। एक कुशल पत्रकार कम से कम शब्दों में सूचना का आदान-प्रदान करते हुए अपने अपने पाठक को एक आलोचनात्मक व विवेकपूर्ण ढंग से सोचने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि भाषा अब न केवल एक संप्रेषण का माध्यम भर रही गई है अपितु अब ये हमारी सांस्कृतिक प्रतिमान के रूप में भी विद्यमान है। डॉ. अलीम अहमद खान ने मीडिया एवं जन माध्यमों की भाषा व क्षेत्रीय भाषा की विविधता तथा उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम सहायक प्राध्यापक डॉ. विवेक जायसवाल ने वक्तव्य दिया। इस मौके पर डॉ. रजनीश, डॉ. नवीन सिंह एवं डॉ. राकेश सोनी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी दिलीप चौरसिया ने किया। आभार अनुष्का तिवारी ने माना।