पहलगाम में हुए हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार लोगों को उत्साह देखा जा रहा है। लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। कटरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में श्रद्धालु अपना ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। भीषण गर्मी के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।
3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी यात्रा, 13 वर्ष से 70 वर्ष तक के लोग करा सकते हैं पंजीयन
सागर . पहलगाम में हुए हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार लोगों को उत्साह देखा जा रहा है। लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। कटरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में श्रद्धालु अपना ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। भीषण गर्मी के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। इस बार यात्रा को लेकर लोगों में जागरूकता देखी जा रही है। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद लोग पैदल यात्रा के लिए डॉक्टर की सलाह भी ले रहे हैं। डॉ. मनीष जैन ने बताया कि यात्रा को लेकर पहले से ज्यादा उत्साह लोगों में देखा जा रहा है। वह खासतौर पर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अभी अमरनाथ यात्रा को शुरू होने में समय है। इसलिए अभी से रोज 5 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डाले। इससे आपकी बॉडी फिट हो जाएगी और आपको यात्रा में कोई परेशानी नहीं होगी। जो लोग कम पैदल चलते हैं उन्हें शुरुआत में एक से दो किमी पैदल चलना अभी से शुरू कर देनी चाहिए। धीरे-धीरे अपनी क्षमता के मुताबिक इसे 10 किमी तक कर लेना चाहिए, ताकि पहाड़ी क्षेत्र में आपको ज्यादा परेशानी नहीं आएगी।
अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
पं. मनोज तिवारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा महज एक यात्रा नहीं है बल्कि यह श्रद्धा, भक्ति और भगवान शिव के प्रति समर्पण की यात्रा है। मान्यताओं के अनुसार, इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का महत्व बताया है। साथ ही यहां रहकर कई वर्षों तक भगवान शिव ने साधना की थी। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है। मान्यता के अनुसार, एक बार कश्मीर घाटी जलमग्न हो गई थी। तब ऋ षि कश्यप ने इस जल को अनेक नदियों और छोटे जल स्रोत के द्वारा बहा दिया था। उस समय भृगु ऋ षि हिमालय पर्वत की अपनी यात्रा के दौरान वहां से गुजर रहे थे जैसे ही जल स्तर कम हुआ तो सबसे पहले उन्होंने इस गुफा को देखा था। पुराणों के अनुसार, अमरनाथ की यात्रा करने से काशी के दर्शन से दस गुना, प्रयाग से सौ गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य मिलता है। कई पुराणों में भी बाबा बर्फानी की इस गुफा का जिक्र है।
फैक्ट फाइल
- 3 जुलाई से शुरु होकर 9 अगस्त तक यात्रा चलेगी।- इस बार 38 दिन बाबा बर्फानी के श्रद्धालु कर सकेंगे। बीते साल अमरनाथ यात्रा 52 दिन की थी।
- श्राइन बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक 13 साल से कम उम्र के बच्चे, 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाएं यात्रा नहीं कर सकेंगी।