. देश में हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल वायुसेना अपना 93 वां स्थापना दिवस मनाएगी।
वायुसेना दिवस आज, भूतपूर्व सैनिक बोले-युवाओं के लिए अच्छा विकल्प
सागर . देश में हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल वायुसेना अपना 93 वां स्थापना दिवस मनाएगी। 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर ही वायुसेना दिवस देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वायुसेना में शामिल होकर युवा अपने कॅरियर को उड़ान दे सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना की ताकत पूरी दुनिया ने देखी।
अग्निवीर वायु भर्ती से हो सकते हैं शामिल
12 वीं पास उम्मीदवार वायुसैनिकों के रूप में शामिल हो सकते हैं। इसमें तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पद शामिल होते हैं। उम्मीदवारों को एक लिखित परीक्षा, शारीरिक फिटनेस परीक्षण और मेडिकल परीक्षण पास करना होता है। युवा अपने कॅरियर को बेहतर विकल्प दे सकते हैं। इसके साथ वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा भी आयोजित होती है। यह एक प्राथमिक प्रवेश मार्ग है जिसके माध्यम से स्नातक उम्मीदवार फ्लाइंग, ग्राउंड ड्यूटी (तकनीकी) और ग्राउंड ड्यूटी (गैर-तकनीकी) शाखाओं में शामिल हो सकते हैं। पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
जयप्रकाश गोस्वामी, पूर्व सैनिक
वायुसेना में शामिल होने अनेक पदवायुसेना शामिल होने के बाद आपको नई चुनौतियों को सामना करने का अवसर मिलेगा। इसमें कॅरियर में प्रगति की अपार संभावनाएं हैं। अलग-अलग पदों पर कार्य करके वायु सेना में शामिल हो सकते हैं। एक अप्रेल साल 1933 को वायुसेना के पहले दस्ते का गठन हुआ था, इसमें छह आरएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद इसमें से रॉयल शब्द हटाकर सिर्फ इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया।
शिवव्रत कुमार, डिप्टी मैनेजर
वायु सेना में करियर के पद
1. फ्लाइंग शाखा : पायलट, लड़ाकू, परिवहन और हेलीकॉप्टर उड़ाते हैं।
फ्लाइट इंजीनियर - विमानों के तकनीकी पहलुओं को संभालते हैं ।एयरबॉर्न सपोर्ट - विमान के संचालन से संबंधित विभिन्न भूमिकाओं में काम करते हैं।
2. ग्राउंड ड्यूटी (तकनीकी) शाखा
एयरोनॉटिकल इंजीनियर (मैकेनिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स) - विमान, हथियार और अन्य उपकरण का रखरखाव करते हैं।
सिस्टम इंजीनियर - तकनीकी प्रणालियों का प्रबंधन करते हैं।
3. ग्राउंड ड्यूटी (गैर-तकनीकी) शाखा
प्रशासनिक - स्टेशन और स्क्वाड्रन के प्रशासन को संभालते हैं।
लेखा - वायु सेना के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करते हैं।
रसद - वायु सेना की आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन करते हैं।