the map of Sagar Damoh Narsinghpur districts will change इससे प्रदेश का आंतरिक नक्शा पूरी तरह बदल जाने का अनुमान है।
मध्यप्रदेश में नए संभागों, जिलों और तहसीलों आदि के गठन के लिए परिसीमन आयोग बनाया गया है। आयोग को पूरे प्रदेश में संभागों, जिलों, तहसीलों के पुनर्गठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य सरकार नई भौगालिक और प्रशासनिक इकाइयों का गठन करेगी। इससे प्रदेश का आंतरिक नक्शा पूरी तरह बदल जाने का अनुमान है। परिसीमन आयोग के इतर गांवों को इधर से उधर करने की एक और कवायद चल रही है। वन विभाग और राजस्व विभाग मिलकर यह काम कर रहे हैं। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश के सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व वीरांगना रानी दुर्गावती नौरादेही टाइगर रिजर्व Nauradehi Tiger Reserve में बसे गांवों को हटाया जा रहा है। टाइगर रिजर्व में इस विस्थापन में प्रदेश के तीन जिलों के दर्जनों गांवोें को इधर से उधर किया जा रहा है।
एमपी का नौरादेही टाइगर रिजर्व करीब एक साल पहले अस्तित्व में आया। यह सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैला है। टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी होने से कई साल पहले ही तीनों जिलों में विस्थापन की प्रक्रिया शुरु कर दी गई थी हालांकि यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
सागर और नरसिंहपुर जिलों में विस्थापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है लेकिन दमोह जिले में इस काम में खासी दिक्कत आ रही है। यहां के 2 दर्जन से ज्यादा गांवों का विस्थापन अभी भी अटका है। हालांकि प्रबंधन का दावा है कि इन्हें नए साल में विस्थापित कर दिया जाएगा। बताते हैं कि दमोह जिले के 31 गांव अभी भी नौरादेही टाइगर रिजर्व के अंदर हैं।
ढाई हजार वर्ग किमी में फैला नौरादेही टाइगर रिजर्व
नौरादेही टाइगर रिजर्व Nauradehi तीन जिलों सागर, दमोह और नरसिंहपुर के 2,339 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है। इसमें 1414 वर्ग किमी का कोर एरिया और 925.12 वर्ग किमी का बफर एरिया है।
नौरादेही टाइगर रिजर्व के अंतर्गत सागर जिले के 8 गांव और नरसिंहपुर जिले के 1 एक गांव का विस्थापन इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना है। जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद भी दमोह जिले के 31 गांवों का विस्थापन बाकी रह जाएगा। बताया जाता है कि दमोह जिले में टाइगर रिजर्व के अंदर बसे गांवों के ग्रामीण अपने घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. एए अंसारी के अनुसार विस्थापन की प्रक्रिया में काफी गति आ चुकी है। नरसिंहपुर और सागर जिले के बाद हम दमोह जिले के गांवों पर फोकस करेंगे।