8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में हटेंगे पटवारी, होंगे इधर से उधर, बढ़ती शिकायतों के बाद सख्त हुई सरकार

Patwaris will be transferred in MP मध्यप्रदेश में पटवारियों की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। राजस्व महा अभियान 3.0 में लापरवाही पर कई पटवारियों पर कार्रवाई भी की गई।

2 min read
Google source verification
patwari dewas

patwari dewas

मध्यप्रदेश में पटवारियों की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। राजस्व महा अभियान 3.0 में लापरवाही पर कई पटवारियों पर कार्रवाई भी की गई। सबसे ज्यादा शिकायतें इस बात की है कि पटवारी हल्कों में नहीं रहते। वे घर से कार्य कर रहे हैं जिससे विशेष रूप से किसान परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के देवास जिले में जमीन संबंधी मामलों के कारण किसानों के अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उदयनगर तहसील में लोगों की बढ़ती शिकायतों के बाद अधिकारी सख्त हुए। तहसीलदार ने स्पष्ट कहा है कि जो पटवारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बदला जाएगा।

देवास में पटवारी हल्कों में नहीं रहते हुए अपने गृह निवास से कार्य कर रहे हैं। इसके चलते जमीन से संबंधित समस्याओं से किसान परेशान हो रहे हैं। पटवारी, किसानों के फोन भी रिसीव नहीं करते हैं। अब जिला प्रशासन ने ऐसे पटवारियों को हटाने का मन बनाया है।

उदयनगर तहसील के पीपरी के लोगों ने तो पटवारी की जमकर शिकायत की। किसानों ने बताया कि वे अपनी जमीनों के नामांतरण, ई-केवाईसी, फॉर्मर आईडी, नाम सुधार आदि कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। क्षेत्र के कई किसानों की जमीनें आज भी मृतकों के नाम पर ही पंजीकृत है। इसके चलते किसान पात्र होने पर भी शासकीय योजनाओं से वंचित हैं।

यह भी पढ़ें: 25 किमी का फेर घटा देगा 120 करोड़ का यह पुल, हो गया तैयार, जानिए कब शुरु होगा आवागमन

नामांतरण-बंटवारा नहीं होने से पात्र होने पर भी संबल योजना से वंचित हैं। वहीं फ्री बिजली योजना का लाभ भी इन छोटे किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

नहीं मिली किसान सम्मान निधि
कांकड़ मोहल्ला कंडिया के खूमसिंह ने बताया मेरी दो बीघा जमीन है। किसान सम्मान निधि आज तक मुझे नहीं मिली। 5 से 6 बार पंचायत के चक्कर लगाए। वहीं पटवारी भी एक ही बार मिला। 6 माह पूर्व लगे कैंप में भी मैंने सारे कागज दिए थे लेकिन आज तक मेरा काम नहीं हो पाया।

कुछ ऐसा ही मामला बीच कंडिया के मांगीलाल का है। उन्होंने बताया कि मेरे पिता की 26 माह पूर्व मृत्यु हो गई थी। 2 वर्ष पूर्व मैंने सारे कागज पटवारी को दे दिए थे लेकिन आज तक भी मेरा नामांतरण नहीं हो पाया।

ग्रामीणों ने मांग की है कि पटवारी को हफ्ते में 3 दिन पंचायत में बिठाया जाए। इससे कागज तैयार करने से संबंधित आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। कैंप के माध्यमों से नामांतरण-बंटवारे के कार्य करवाए जाएं।

जो पटवारी काम नहीं कर रहे उन्हें बदलेंगे
उदयनगर के तहसीलदार गौरव निरंकारी ने कहा है कि इस संबंध में बागली एसडीएम से चर्चा हुई। जो पटवारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बदला जाएगा।