सागर. प्रदेश के 700 नर्सिंग कॉलेजों के संचालन पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें से मात्र 200 कॉलेजों को ही संचालन योग्य पाया गया है। प्रदेश के 500 कॉलेजों में खामियां उजागर हुई हैं, इसका असर सागर के नर्सिंग कॉलेज में भी देखा गया है, जहां 10 में से मात्र 4 नर्सिंग कॉलेज […]
सागर. प्रदेश के 700 नर्सिंग कॉलेजों के संचालन पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें से मात्र 200 कॉलेजों को ही संचालन योग्य पाया गया है। प्रदेश के 500 कॉलेजों में खामियां उजागर हुई हैं, इसका असर सागर के नर्सिंग कॉलेज में भी देखा गया है, जहां 10 में से मात्र 4 नर्सिंग कॉलेज को ही प्रवेश की मान्यता मिल पाई है, जबकि मेडिकल कॉलेज परिसर सहित तमाम नामी संस्थान इस साल छात्रों का प्रवेश नही कर पाएंगे। इस साल मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि जिन कॉलेजों को प्रवेश की मान्यता दी गई है वह कॉलेज डायरेक्ट प्रवेश नहीं दे पाएंगे, अब प्रदेश स्तर पर काउंसलिंग के जरिए छात्रों के प्रवेश होंगे।
बीएससी नर्सिंग के लिए मात्र 156 को मान्यता-मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता लिस्ट जारी की है। यह मान्यता केवल उन्हीं कॉलेज को दी गई है, जिन्हें सीबीआई की दोनों जांच और हाई कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी ने सही पाया था, इनमें 138 जीएनएम और 156 बीएससी नर्सिंग कॉलेज हैं, इनमें 1468 सीटें हैं।सागर में सीटों पर मान्यता-
-100 भाग्योदय-50 बीटीआई
-60 ओजस्विनी-60 सागर नर्सिंग कॉलेज750 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित-
जीएनएम एक डिप्लोमा कोर्स है, जो तीन साल का होता है, जिसमें छह महीने की इंटर्नशिप होती है। इसके साथ एक और कोर्स बीएसी नर्सिंग है, जो कि बैचेलर्स होता है, इस कोर्स की अवधि चार साल की होती है। सागर के करीब 10 कॉलेज में हर साल 1 हजार से अधिक बच्चे प्रवेश लेते थे जो इस वर्ष करीब 250 ही प्रवेश ले पाएंगे।
स्टाफ व संसाधनों के अभाव से नहीं मिल पाई मान्यता-बीएमसी परिसर स्थित नर्सिंग कॉलेज में अभी मात्र 230 छात्र अध्ययन करते हैं, लेकिन इस वर्ष उन्हें मान्यता नहीं मिली। नर्सिंग कॉलेज में स्टाफ की परमानेंट व्यवस्था नहीं है, बीएमसी के 14 नर्सिंग स्टाफ व्यवस्था देख रहा है। यहां अलग से लाइब्रेरी, परीक्षा कक्ष का अभाव है, पूरी तरह से बीएमसी पर निर्भर है। कुछ माह पहले पद सृजित हुए थे जो आज भी खाली हैं। प्रभारी प्राचार्य दीप्ती पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों के अभाव के कारण यह स्थिति बनी है, इसके प्रयास चल रहे हैं।
-संसाधनों व स्टॉफ की व्यवस्था के विकल्प दिए गए हैं, अभी 15 जनवरी तक आवेदन करने का समय है, एक बार फिर हम आवेदन करेंगे।डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।