मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि चातुर्मास के लिए चतुर्दशी के पांच दिन बाद तक मुनि महाराज और आर्यिका संघ उपवास रखते हुए भक्तियां पढ़कर संकल्पित हो जाते हैं कि एक स्थान पर रहकर तप और साधना करेंगे, हालांकि निर्धारित स्थान से 10 से 20 किमी तक की छूट रहती हैं।
चातुर्मास स्थली पर पहुंच चुके जैन समाज के सभी साधु संघ व आर्यिका संघ ने बुधवार को चतुर्दशी की प्रात:कालीन शुभ बेला में वर्षा योग चातुर्मास की स्थापना संकल्प किया। भक्ति पाठ के साथ चातुर्मास शुरू हो गए। चातुर्मास का निष्ठापन दीपावली के दिन भगवान महावीर स्वामी के निर्वाणोत्सव को होगा। पूरे देश में लगभग 200 से अधिक स्थानों पर साधु संतों और आर्यिकाओं के चातुर्मास हो रहे हैं।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि चातुर्मास के लिए चतुर्दशी के पांच दिन बाद तक मुनि महाराज और आर्यिका संघ उपवास रखते हुए भक्तियां पढ़कर संकल्पित हो जाते हैं कि एक स्थान पर रहकर तप और साधना करेंगे, हालांकि निर्धारित स्थान से 10 से 20 किमी तक की छूट रहती हैं। कुछ स्थानों पर आज ही भक्तों के द्वारा कलश स्थापना समारोह शुरु हो गए। आचार्य समय सागर महाराज ससंघ का कलश स्थापना समारोह 13 जुलाई को जबलपुर में है। 12 जुलाई को भाग्योदय तीर्थ में दोपहर 1 बजे से मुनि विमल सागर महाराज ससंघ का कलश स्थापना समारोह आयोजित किया गया है। 12 जुलाई को ही सुबह 8 बजे से नेहानगर में ऐलक दयासागर महाराज का कलश स्थापना समारोह होगा।
भाग्योदय तीर्थ में मुनि विमल सागर महाराज और मुनि अनंत सागर महाराज के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान के 7 वे दिन महा पात्रों और इंद्र - इंद्राणियों ने 512 अर्घ चढ़ाए गए। विधान 8 वें दिन 1024 अर्घ चढ़ाए जाएंगे। बुधवार को विधान मेंं नगर के 4 जैन मंदिरों से वहां की कमेटियां द्रव्य समर्पित करने के लिए भाग्योदय पहुंची। इनमें शांति नगर जैन मंदिर शास्त्री वार्ड, सिद्धायतन जैन मंदिर, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप समन्वय के सदस्य अष्ट द्रव्य सजाकर लाए और विधान में शामिल हुए।