सागर

दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए सागर भौगोलिक हिसाब से सटीक, केंद्र से स्वीकृति मिली तो बदल जाएगी तस्वीर

– कॉरिडोर की स्थापना के लिए एमपीआइडीसी को जमीन हैंडओवर करने की प्रक्रिया शुरू – गढ़पहरा रैयतवारी के पास 26.63 हेक्टेयर जमीन की जा रही आवंटित सागर. दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए सागर भौगोलिक दृष्टिकोण से सटीक लोकेशन पर है। आर्थिक रूप से पिछड़े बुंदेलखंड को ऊपर लाने के लिए इस कॉरिडोर की स्थापना सागर […]

2 min read
Sep 08, 2024

- कॉरिडोर की स्थापना के लिए एमपीआइडीसी को जमीन हैंडओवर करने की प्रक्रिया शुरू

- गढ़पहरा रैयतवारी के पास 26.63 हेक्टेयर जमीन की जा रही आवंटित

सागर. दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए सागर भौगोलिक दृष्टिकोण से सटीक लोकेशन पर है। आर्थिक रूप से पिछड़े बुंदेलखंड को ऊपर लाने के लिए इस कॉरिडोर की स्थापना सागर जिले में होनी चाहिए। विभाग के विशेषज्ञ भी सागर को सही मान रहे हैं और यहां पर पर्याप्त जमीन भी उपलब्ध है। यही वजह है कि रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के पहले जमीनों संबंधी सभी कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन और मप्र इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कारपोरेशन ने काम शुरू कर दिया है। गढ़पहरा रैयतवारी के पास करीब 26.63 हेक्टेयर जमीन दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना के लिए आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह जमीन मप्र औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को आवंटित की जाएगी।

महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है

27 सितंबर को प्रस्तावित रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयास किए तो समूचे बुंदेलखंड में उद्योगों को लेकर बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। मप्र और केंद्र में भाजपा की सरकारें हैं, जिसकी वजह से रूट आदि तय करने में भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी। सागर शहर के पास मसवासी ग्रंट में पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है और यह झांसी-लखनादौन एनएच-44 के बहुत ही पास है।

खींचतान चल रही

- बताया जा रहा है कि दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को लेकर खींचतान चल रही है और रूट को नेता अपने-अपने क्षेत्र से गुजारना चाह रहे हैं। पूर्व में कॉरिडोर को मध्यप्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, गुना, भोपाल जिलों से गुजारने की प्लानिंग बनाई गई थी।

- वहीं बाद में इसमें बदलाव किया गया और फिर एनएच-44 के रूट को तय किया गया। अब बताया जा रहा है कि इसको सागर से बीना, विदिशा, भोपाल, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल से नागपुर तक के रूट को फाइनल करने पर काम चल रहा है।

पूर्व में प्रस्ताव भेजा था

एमपीआइडीसी ने पूर्व में सागर के लिए दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसकी स्वीकृति अभी शेष है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मसवासी ग्रंंट क्षेत्र में जमीन आरक्षित की जा रही है। - विशाल सिंह चौहान, कार्यकारी संचालक, मप्र औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग

Published on:
08 Sept 2024 12:27 pm
Also Read
View All

अगली खबर