डायरिया प्रभावित देवरी के पड़रई गांव में मंगलवार को भी 4 बच्चों सहित 19 और मरीज मिले हैं। इन मरीजों को चक्कर, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार, सिर व पैर दर्द, खांसी, गैस-जलन, श्वांस की समस्या थी। वहीं मृतका मनीषा यादव की छोटी बेटी 2.5 वर्षीय त्रिवेणी यादव भी डायरिया की चपेट में आ गई, जिसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को सागर रेफर किया। त्रिवेणी के पिता पहले से जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
डायरिया प्रभावित देवरी के पड़रई गांव में मंगलवार को भी 4 बच्चों सहित 19 और मरीज मिले हैं। इन मरीजों को चक्कर, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार, सिर व पैर दर्द, खांसी, गैस-जलन, श्वांस की समस्या थी। वहीं मृतका मनीषा यादव की छोटी बेटी 2.5 वर्षीय त्रिवेणी यादव भी डायरिया की चपेट में आ गई, जिसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को सागर रेफर किया। त्रिवेणी के पिता पहले से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पंचायत व राजस्व विभाग के अधिकारी भी गांव में सर्वे कर रहे हैं। गांव में पेयजल व्यवस्था के लिए टैंकरों से सप्लाई की जा रही है। हालांकि मंगलवार को भी गांव के कुएं से लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। स्टूल टेस्ट की कल्चर रिपोर्ट का इंतजार भी किया जा रहा है। दूसरे दिन जो 19 मरीज मिले हैं, जिसमें 11 बुजुर्ग, 4 बच्चे व 4 अन्य महिला-पुरुष हैं।
-शंकर पुत्र चेतराम 70 वर्ष
-तुलसीराम पुत्र पूरन यादव 70 वर्ष
-बलराम पुत्र कमोदी यादव 71 वर्ष
-अवधरानी पत्नी बलराम यादव 60
-करन सिंह पुत्र अमर सिंह 80 वर्ष
-राजेंद्र पुत्र मोहन यादव 14 वर्ष
-देवेंद्ररानी पत्नी सूरत यादव 60 वर्ष
-मायाबाई पत्नी भीकम यादव 61 वर्ष
-दसोदा पत्नी दयाराम यादव 72 वर्ष
-हुकुम पुत्र मुन्नू यादव 80 वर्ष
-सेवती यादव 19 वर्ष
-राधारानी पत्नी संतोष यादव 50 वर्ष
-कल्पना यादव 20 वर्ष
-रश्मि गौंड़ 21 वर्ष
-उमा पत्नी इमरत गौंड़ 30 वर्ष
-प्रेमलता गौंड़ 12 वर्ष
-राधारानी यादव 45 वर्ष
-मोतीलाल पुत्र राजू गौंड़ 8 वर्ष
-सुमतरानी 75 वर्ष
गांव के बुजुर्ग तुलसीराम यादव को उल्टी-दस्त की शिकायत पर मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सागर रेफर किया, लेकिन समझाइश के बाद भी सागर जाने से मना कर दिया। इसी तरह 12 वर्षीय मरीज प्रेमलता ठाकुर को उल्टी की शिकायत होने पर बीएमसी की टीम ने जिला अस्पताल भेजने के लिए एम्बुलेंस तैयार की लेकिन परिजनों ने मना कर दिया।
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की टीम ने गांव में संक्रमित परिवारों के 22 घरों में जाकर जानकारी ली। टीम ने मरीजों के साथ पानी के भी सैंपल लिए। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट, क्लोरीन गोली वितरित कीं। दो कुआं और दो हैंडपंप को चिन्हित किया।
गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हैं। गांव में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में ग्रामीणों की जांच की गई है। कुछ मरीज सामने आए हैं, जिनका स्थानीय स्तर पर इलाज किया गया है। सिर्फ मृतिका मनीषा यादव की एक बेटी को उल्टी-दस्त की शिकायत पर सागर रेफर किया गया है।
डॉ. ममता तिमोरी, सीएमएचओ।