सम्भल

UP: लड़कियों को न्यूड कर फीते से लंबाई नापता था प्रोफेसर फिर धनवर्षा गैंग को करता था सप्लाई 

Dhanvarsha Gang Exposed in UP: मथुरा के प्रोफेसर दशरथ सिंह को धनवर्षा गिरोह से जुड़ने, लड़कियों की तस्करी और तंत्र क्रिया में इस्तेमाल के आरोप में गिरफ्तार किया गया; पुलिस जांच जारी है। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला ? 

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Apr 05, 2025
UP: Accused Professor in Police Custody

UP Dhanvarsha Gang: धनारी थाना पुलिस ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए अंतरराज्यीय धनवर्षा गिरोह के एक अहम सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी और कोई नहीं, बल्कि मथुरा स्थित जीएलए यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर दशरथ सिंह उर्फ डीएस सिसौदिया है, जो लाइब्रेरी और इंफॉर्मेशन साइंस विभाग में कार्यरत था।

बरामद हुई अश्लील वीडियो

पुलिस को आरोपी के मोबाइल से बरामद हुईं तस्वीरें, वीडियो और कोडवर्ड में की गई चैट्स ने पूरे रैकेट की परतें उधेड़ दी हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर पिछले तीन वर्षों से गरीब लड़कियों को बहला-फुसलाकर इस गिरोह से जोड़ रहा था और उन्हें 'गुरु' तक पहुंचाने का काम कर रहा था।

कैसे चलता था गिरोह का तंत्र?

पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह में तीन स्तर की पार्टियां काम करती थीं।

आर्टिकल सप्लायरये पार्टी उन लड़कियों को गिरोह तक लाती थी, जिन्हें ‘आर्टिकल’ के नाम से पुकारा जाता था।
मीडियाये पार्टी लड़कियों को 'कारीगर' और 'गुरु' से मिलवाने का काम करती थी। गिरफ्तार प्रोफेसर सिसौदिया इसी ‘मीडिया’ की भूमिका निभा रहा था।
गुरुये वे लोग होते थे जो तंत्र क्रिया करते थे। इनकी डिमांड उनकी फेम पर निर्भर करती थी।

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धनवर्षा की लालच में बना प्रोफेसर गैंग का हिस्सा

पुलिस के अनुसार, आरोपी प्रोफेसर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वह जल्दी अमीर बनने की चाह में इस गोरखधंधे में कूद पड़ा। उसने गिरोह के अन्य सदस्यों द्वारा बनाए गए ‘धनवर्षा’ वीडियो देखे और फिर लालच में आ गया। उसके मोबाइल से बरामद वीडियो में न्यूड लड़कियों को फीते से नापते हुए, तंत्र क्रिया करते और नकली ‘धनवर्षा’ की तस्वीरें सामने आई हैं। इतना ही नहीं, कई ऑडियो रिकॉर्डिंग में प्रोफेसर खुद लड़कियों की डीलिंग करते हुए सुना गया है।

28 मार्च को हुआ था बड़ा खुलासा

इससे पहले 28 मार्च को पुलिस ने इस गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक डी.एन. त्रिपाठी के मोबाइल से भी अहम सुराग मिले थे। गिरोह कोडवर्ड में बातचीत करता था — 'गुरु', 'मीडिया' और 'आर्टिकल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर पूरे ऑपरेशन को छिपाकर रखा गया था।

अब भी फरार हैं कई सदस्य

एसपी केके विश्नोई और एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि गिरोह के चार से पांच अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह गिरोह न केवल तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के नाम पर लोगों को ठग रहा था, बल्कि मानव तस्करी और यौन शोषण जैसे गंभीर अपराधों में भी लिप्त पाया गया है। पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।  

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