- पशु चिकित्सा अधिकारी की कमी के चलते परेशान हो रहे पशुपालक
सिवनी. छपारा विकासखंड की ग्राम पंचायत चमारीखुर्द का पशु औषधालय पिछले एक वर्ष से बंद पड़ा है। जिससे क्षेत्र के पशुपालकों को कोई सुविधा नही मिल पा रही है। ज्ञात हो कि क्षेत्र के पशुपालकों की समस्या के निवारण के लिए प्रशासन ने वर्ष 2012 में लाखों रूपए की लागत से नए पशु औषधालय भवन का निर्माण कराकर तत्कालीन विधायक नीता पटेरिया ने आरंभ किया था।
पशु औषधालय में दो स्थायी कर्मचारी पशुओं का उपचार आदि सेवा प्रदान कर रहे थे, लेकिन एक वर्ष पूर्व पशु औषधालय अधिकारी बीएल उइके के सेवा निवृत होने के साथ ही पशु औषधालय भी सेवा निवृत हो गया। जिसके कारण पिछले एक वर्ष से पशु औषधालय का ताला तक नही खुल रहा है। परिसर के अंदर-बाहर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है।
ग्रामीण मुकेश चौबे, शंकर डेहरिया, गेंदलाल डेहरिया, बीरेन सोनी, भगवत यादव, अंकित उईके आदि ने बताया कि पशु औषधालय में कोई भी कर्मचारी न होने के चलते पशुओं को कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कई बार तो समय पर उपचार नहीं मिलने पर पशुओं की जान तक चली जाती है। कहने को पशु औषधालय केकड़ा के कर्मी नारायण चंद्रवंशी को चमारीखुर्द पशु औषधालय का प्रभार दिया गया है, लेकिन उन्होंने भी पिछले एक वर्ष से उसका ताला तक नही खोला है। हालांकि उनका कहना है कि औषधालय में उनका नम्बर लिखा है, जिसको देखकर पशु मालिक उनको फोन करते हैं और वे जाकर पशुओं का उपचार करते हैं, लेकिन परिसर में लगा ताला कर्मचारियों की सेवाओं का खुद बयान कर रहा है। ग्रामवासियों ने औषधालय में जल्द ही सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की मांग जिला प्रशासन से कर रहे हैं।