गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाएगी
सिवनी. गुरु का जीवन में बहुत महत्व है। गुरु हमें खुद पर विश्वास करना सिखाते हैं। गुरु कोई व्यक्ति नहीं, ज्ञान है। गुरु एक शिष्य को अपने ज्ञान से अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। ऐसे ही एक गुरु को पाकर जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता का जीवन बदल गया। उन्होंने बताया कि गुरु-शिष्य का संबंध एकात्मक होता है। ज्ञान, विश्वास और गुरु का अपना महत्व है। सच्चे गुरु बाधाएं दूर करते हैं। गुरु के प्रति श्रद्धा जरूरी है। गुरु ज्ञान का बीज बोते हैं। जीवन नैय्या को आगे बढ़ाने में गुरु का सबसे बड़ा योगदान होता है। उन्होंने बताया कि मेरे आत्ध्यात्मिक गुरु भगवान कृष्ण हैं। गीता से ही रास्ता और कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। भौतिक गुरु के रूप में मेरे आठवीं कक्षा के शिक्षक थे। जिनकी एक सीख ने मेरा पूरा जीवन ही बदल दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वे बचपन से गणित विषय में कमजोर थे। स्कूल में कक्षा 8वीं में अध्ययन के दौरान गणित विषय की परीक्षा हुई। जब मुझे उत्तरपुस्तिका मिली तो उसमें अधिकतर जगह मेरे शिक्षक ने लाल निशान लगा दिया था। इसके बाद उन्होंने मुझे बुलाया और काफी समझाया और फिर उनके सान्निध्य में मैंने गणित विषय में रूचि लेना शुरु कर दिया। मैंने गणित विषय को अपनी कमजोरी की जगह मजबूती बनाने का संकल्प लिया। इसके बाद पीसीएस की तैयारी के दौरान भी मेरा विषय गणित ही रहा और मैं गुरु की वजह से ही सफल हो पाया। अगर गुरु ने मेरी कमजोरी नहीं पहचानी होती तो शायद आज मैं इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता।
खुद पर भरोसा करना सिखाता है गुरु
एसपी सुनील मेहता कहते हैं कि गुरु व्यक्ति को खुद पर भरोसा करना सिखाते हैं। गुरु की पूजा व्यक्ति की पूजा न होकर, गुरु की देह में समाहित ज्ञान की पूजा है। यह निश्चित है कि जो ईश्वर को पाना चाहता है, वह बिना गुरु के एक पग भी नहीं चल सकता। वास्तव में गुरु और शिष्य, दो दिखते हुए भी दो नहीं होते। वास्तविक गुरु की पहचान यह है कि जो उसके आस-पास से गुजरता है, वह उसका हो जाता है, जो उसकी आंखों से आंख मिला लेता है, उसका हरण हो जाता है और गुरु उसकी सारी बाधाएं हर लेता है। गुरु ज्ञान के बीज को बोता है, शिष्य की क्षमता को समय की आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाता है। शिष्य की प्रकृति, संस्कार, रुचि, सामथ्र्य के अनुसार ही गुरु ज्ञान को उत्पन्न करता है।
आज मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा
गुरुवार को गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाएगी। दूर-दराज से शिष्य अपने गुरुओं से मिलने पहुंचेंगे। गुरु पूर्णिमा पर इस बार इंद्र योग, वैधृति योग बन रहा है। गुरुवार और गुरु पूर्णिमा का संयोग अत्यंत दुर्लभ और अत्यधिक शुभ माना जाता है। गुरुवार बृहस्पति ग्रह और विष्णु भगवान को समर्पित दिन होता है और गुरु पूर्णिमा ज्ञान, उपासना और श्रद्धा का पर्व है। यह दोनों जब एक साथ आते हैं तो यह काल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सर्वश्रेष्ठ हो जाता है। गुरु पूर्णिमा पर मंदिरों, शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष आयोजन किए जाएंगे।