सिवनी

पेंच के जंगलों में खास बाघिन की सर्चिंग जारी, बैरंग लौटा राजस्थान का दल

पांचवें दिन भी नहीं मिली सफलता, न दिखाई दी और न ही मिले पगमार्क

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Dec 04, 2025

सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व की सबसे खास बाघिन राजस्थान जाने को तैयार नहीं है। सर्चिंग कर रही टीम को चकमा देकर गायब हो गई है। पेंच के जंगलों में बाघिन रानी की तलाश पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रही। हालांकि सर्चिंग टीम उसे पकडऩा तो दूर एक झलक भी देख नहीं पाई। उसके पगमार्क भी कहीं दिखाई नहीं दिए। ऐसे में संभावना यह भी है कि बाघिन पेंच के जंगल को छोडकऱ कहीं और निकल गई है या फिर वह चकमा देकर किसी सुरक्षित जगह छुप गई है। बता दें कि राजस्थान के बाघों का नस्ल सुधारने देश के पहले इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन के तहत चयनित पेंच टाइगर रिजर्व की खास बाघिन की तलाश चार दिनों से राजस्थान तथा मप्र के वन अफसर सहित 50 से ज्यादा लोगों की टीम कर रही थी। चालाक बाघिन लगातारअपने आसपास इंसानों को देखकर अपनी जगह बदल रही थी। इसे देखते हुए पेंच प्रबंधन ने पांचवें दिन मंगलवार को अभियान में बदलाव किया। इंसानी दखल कम कर बाघिन को पकडऩे की योजना बनाई गई है। पेंच में सर्चिंग कर रही 60 सदस्यीय टीम में से 25 लोगों को को ही तैनात किया गया है। हाथी और 40 से अधिक ट्रैप कैमरे पर ही पूरा जोर दिया जा रहा है। वहीं मंगलवार को राजस्थान से आया दो सदस्यीय दल भी लौट गया।

28 नवंबर से हो रही तलाश
मध्यप्रदेश के सिवनी स्थित पेंच टाइगर रिजर्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच चल रहे अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण अभियान (इंटरस्टेट टाइगर ट्रांसलोकेशन) के तहत 28 नवंबर से टीम बाघिन को पकडऩे के लिए जुटी हुई है। पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन सभी प्रोटोकॉल और रणनीतियों के अनुसार उसकी खोजबीन कर रही है, लेकिन लगातार प्रयासों के बावजूद बाघिन को पकडऩे में सफलता हाथ नहीं लग पा रही है।

इंसानों के बढ़ते दखल से बाघिन हुई सतर्क
पेंच टाइगर रिजर्व में इंसानों के बढ़ते गतिविधि को देखकर बाघिन भी सतर्क हो गई है। उसने जंगल में अपनी सक्रियता भी कम कर दी है। इसी वजह से वह किसी को दिखाई भी नहीं दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगल में मानव हस्तक्षेप कम होने से बाघिन अपनी प्राकृतिक गतिविधियों को पुन: शुरू कर सकेगी और सुरक्षित व प्रभावी अभियान की संभावनाएं बढ़ेंगी।

बेहोश करने के बाद बुलाएंगे हेलीकाप्टर
पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघिन के खोज के लिए मंगलवार से नया तरीका अपनाया है। सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक दिन में ही सर्चिंग की जा रही है। पेंच टाइगर रिजर्व के 6 हाथी एवं कान्हा टाइगर रिजर्व के दो हाथी सर्चिंग दल में शामिल किए गए हैं। वहीं 25 लोगों की टीम ही जंगल में विचरण कर रही है। प्रबंधन का मानना है कि इससे बाघिन सामान्य स्थिति को महसूस करेगी और खुले में विचरण कर सकेगी। इसी दौरान उसे बेहोश किया जाएगा। सबकुछ ठीक ठाक होने पर बाघिन को हेलीकॉप्टर से राजस्थान राज्य के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए एयर लिफ्ट किया जाएगा। पहले 28 नवंबर से दो दिसंबर के बीच हेलीकाप्टर बुलाने की योजना थी, लेकिन अब योजना में बदलाव किया गया है।

आखिर यही बाघिन क्यों…
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि हमें ऐसे फिमेल बाघ की तलाश थी जो दो से तीन साल की हो और उसके कोई बच्चे न हों। इसके अलावा उसने कभी किसी पर हमला न किया हो। पेंच प्रबंधन के पैरामीटर पर यह बाघिन फीट बैठ रही है। ऐसे में इसकी तलाश की जा रही है।

इनका कहना है -
पेंच टाइगर रिजर्व की टीम बाघिन की तलाश कर रही है। राजस्थान से आया दो सदस्यीय दल वापस लौट गया है। बाघिन की तलाश के लिए कैमरे एवं हाथियों पर ही विशेष फोकस किया जा रहा है। मानव सख्या काफी कम कर दिया गया है। मंगलवार को बाघिन का कुछ पता नहीं चला। उसे न देखा गया और न ही पगमार्क मिले हैं। सर्चिंग लगातार की जा रही है। वर्ष 2009 में टी-3 बाघ को पन्ना टाइगर रिजर्व भेजने में 40 दिन लग गए थे।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व

Published on:
04 Dec 2025 12:41 pm
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