Cm Mohan Yadav: चीता धीरा और आशा को सीएम मोहन यादव ने खुले जंगलों में छोड़े चीते, फिर जो हुआ पढ़कर हो जाएंगे हैरान, यहां जानें कैसे हो गई सीएम मोहन यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक...
CM Mohan Yadav Released Cheetah in Kuno Forest: कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों से दो मादा चीता और तीन शावकों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को जंगल में छोड़ दिया। चीता धीरा, आशा के साथ ही आशा के तीन शावक को खुले जंगल में छोड़ा। अब खुले जंगल में चीतों की संख्या 7 हो गई है। नर चीता भाई वायु और अग्नि एक माह से जंगल में हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक भी दिखी।
दरअसल चीतों को जहां से छोड़ा गया, वहां सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। सीएम समेत अन्य लोग बमुश्किल दो फीट की ऊंचाई पर ही खड़े थे। सीएम ने जब चीतों को बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा तो एक पल के लिए उनके कदम भी लडख़ड़ाए। वे एकदम से पीछे हटे।
सीएम ने अतिथियों के साथ पहले धीरा को बड़े बाड़े के गेट 5 से छोड़ा। गेट 3 से आशा और उसके ३ शावकों को रिलीज किया। इसके बाद सीएम ने वन विभाग और कूनो के अफसरों के साथ बैठक की। प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा कर चीतों के सेहत की जानकारी ली।
कूनो में बुधवार को चीतों को खुले जंगल में छोड़ने पहुंचे सीएम ने इस खुशी का इजहार सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर किया है। उन्होंने एक पोस्ट शेयर की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो में पहली बार 8 चीतों को बाड़े में छोड़ा था। तब उनकी सुरक्षा के लिए ऊंची जगह बनाई गई थी।
14 शावक 12 वयस्क
जंगल में- 07 चीते (4 वयस्क और 3 शावक)
बाड़े में- 19 चीते (8 वयस्क, 11 शावक)
कूनो में जुलाई-अगस्त 2023 में कुछ चीतों की मौतों के बाद सभी चीतों को बाड़ों में बंद किया था। 4 जनवरी को वायु और अग्नि को छोड़ा था।
आयोजन सरकारी था। इसमें प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला और सांसद शिवमंगल सिंह तोमर के साथ विभागीय अफसर भी थे। लेकिन भाजपा नेता भी शामिल हुए। भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, पूर्व विधायक रामनिवास रावत भी सीएम के साथ थे। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सवाल किया कि सरकारी आयोजन में भाजपा नेताओं को स्थान देना उचित नहीं है। उन्होंने सीएम की सुरक्षा में चूक को भी गंभीर लापरवाही बताई।
चीतों को छोडऩे की जो जगह तय की, उसमें सीएम की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा। महज दो फीट ऊंची रेलिंग लगाई, इसमें भी एक फीट ऊंची तत रखकर सीएम को खड़े होने को कह दिया गया। सीएम ने चीता को आजाद कर खुले जंगल में छोड़ा। इतनी कम ऊंचाई थी कि चीता वापस भी आ सकता था।