शिवपुरी

एमपी में गबन से कंगाल हुआ एक और बैंक, खातेदारों को लौटाया, डूबे करोड़ों रुपए

Pichor- मध्यप्रदेश के सहकारी बैंकों की हालत खराब है। भ्रष्टाचार और गबन के कारण कई बैंक कंगाल हो चुके हैं। प्रदेश के शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक की भी यही स्थिति है।

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Jul 30, 2025
Shivpuri Cooperative Bank returned Pichore's account holders

Pichor- मध्यप्रदेश के सहकारी बैंकों की हालत खराब है। भ्रष्टाचार और गबन के कारण कई बैंक कंगाल हो चुके हैं। प्रदेश के शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक की भी यही स्थिति है। यहां खातेदारों को पैसे नहीं दिए रहे, उन्हें लौटाया जा रहा है। हाल ये है कि जिनके लाखों रुपए जमा हैं, उन्हें 1 हजार रुपए भी ​नहीं दिए जा रहे। खातेदारों के करोड़ों रुपए डूबने की कगार पर हैं। अनेक उपभोक्ता जिला सहकारी बैंक में जमा खुद का पैसा दिलाने के लिए जनसुनवाई में कलेक्टर से गुहार लगा चुके हैं। ये हाल तब है जबकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पत्र पर राज्य सरकार शिवपुरी केंद्रीय बैंक को करोड़ों की आर्थिक सहायता दे चुकी है।

पिछोर तहसील के ग्राम भंगुआ की निवासी ऊषा जाटव का जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पैसा जमा है। उन्हें इलाज और घर के खर्च के लिए पैसों की जरूरत है पर बैंक अधिकारी एक रुपया भी नहीं दे रहे। वे साफ कह रहे हैं कि बैंक में पैसा ही नहीं है।

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ऊषा जाटव परेशान होकर जनसुनवाई में पहुंची और कलेक्टर से उनका पैसा दिलाने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में खाता है, लेकिन पैसे नहीं मिल रहे। जब भी पैसे निकालने जाती हैं तो बैंककर्मी उसे बाहर निकाल देते हैं और कहते हैं कि पैसे नहीं हैं।

खाताधारक ऊषा जाटव का कहना है कि बैंक में जमा खुद के ही पैसे नहीं मिलना कहां का न्याय है। उन्होंने बताया कि वह पहले भी 17 जून को आवेदन दे चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इलाज और घर के खर्च के लिए पैसे की तत्काल आवश्यकता है। ऊषा जाटव ने मांग की कि उसके खाते से पैसे निकालने की अनुमति तत्काल दिलाई जाए।

बैंक के उपभोक्ता एक-एक हजार रुपए के लिए भी तरस रहे

शिवपुरी जिला सहकारी बैंक पूरी तरह कंगाल हो गया है। बैंक के उपभोक्ता एक-एक हजार रुपए के लिए भी तरस रहे हैं जबकि उनके बैंक में लाखों रुपए जमा हैं। खनियांधाना, नरवर, चकरामपुर के अनेक उपभोक्ता जिला सहकारी बैंक में जमा खुद का पैसा दिलाने के लिए जनसुनवाई में कलेक्टर से गुहार लगा चुके हैं।

आर्थिक दुरावस्था का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका

बता दें कि मध्यप्रदेश में सहकारी बैंकों की आर्थिक दुरावस्था का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका है। सहकारिता के बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश की 4536 प्राथमिक सहकारी समितियों में से 3800 यानि करीब 80 प्रतिशत भारी घाटे में हैं। ये ओवरड्यू हो चुकी हैं। एमपी के 38 जिला सहकारी बैंकों में से 13 बैंकों की हालत तो ऐसी दयनीय है कि वे 2 हजार रुपए भी नहीं दे सकते।

Updated on:
30 Jul 2025 09:20 pm
Published on:
30 Jul 2025 09:19 pm
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