सीधी

शर्मनाक! गर्भवती को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई, हाथ ठेले पर दिया बच्चे को जन्म, अब गरमाई सियासत

Delivery on hand cart : गर्भवती महिला ने हाथ ठेले पर दिया बच्चे को जन्म लेकिन स्वास्थ्य सेवा न मिल पाने के कारण नवजात की हो गई मृत्यु। कांग्रेस ने एमपी सरकार को घेरा। अब दो दिन बाद उप मुख्यमंत्री ने लिया बड़ा एक्शन।

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Nov 05, 2024

Delivery on hand cart : मध्य प्रदेश के सीधी से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जहां एक गर्भवती महिला को एक हाथ ठेले पर बच्चे को जन्म देना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार 108 एम्बुलेंस के सेंटर में कॉल करने बाद भी उन्हें एम्बुलेंस असाइन नहीं की गई थी। जन्म देने के कुछ समय बाद ही नवजात की मृत्यु हो गई। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने एक्स पर प्रदेश सरकार को घेरा। अब घटना के दो दिन बाद उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला एक्टिव मोड पर आए है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, दो दिन पहले सीधी में रहने वाली महिला उर्मिला रजक को अचानक देर रात पेट में दर्द हुआ था। उनके पति ने 108 एम्बुलेंस के कॉल सेंटर पर कई बार संपर्क किया। कई बार प्रयास करने के बाद भी उन्हें एम्बुलेंस असाइन नहीं की गई। इसके बजाए उन्हें एक संजीवनी एम्बुलेंस असाइन की गई जो पहले से किसी और मरीज को अस्पताल ले जाने का काम कर रही थी। महिला की हालत खराब होता देख उसके परिजन ने उसे हाथ ठेले पर अस्पताल ले जाना शुरू किया। रास्ते में ही महिला को प्रसव हुआ और उसने ठेले पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही नवजात की मृत्यु हो गई।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर उठाया था मुद्दा

इस घटना को लेकर एमपी कांग्रेस ने एक्स पर राज्य को घेरा था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि 'कुछ तो शर्म करो सरकार,एक घंटे तक एंबुलेंस को कॉल करता रहा परिवार।' कांग्रेस ने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि 'ठेले में डिलेवरी और नवजात की मौत, यह हालात उस सीधी जिले के हैं, जिसके पड़ोसी जिले रीवा से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री आते हैं।प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावे केवल कागजी है! सच्चाई यह है कि मोहन सरकार में गरीब तड़प तड़प कर मरने को मजबूर है।'

उप मुख्यमंत्री ने लिया एक्शन

अब इस घटना के दो दिन के बाद उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल एक्टिव मोड में आए है। उन्होंने इस मामले में निर्देश दिया है कि संबंधित एम्बुलेंस वाहनों के एक माह की परिचालन व्यय राशि 4 लाख 56 हजार 917 रुपये सेवा प्रदाता के देयकों से काटी जाएगी। इसके अलावा स्वास्थय विभाग की तरफ से भी सीधी जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, टीकाकरण अधिकारी, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खण्ड चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

Updated on:
05 Nov 2024 05:23 pm
Published on:
05 Nov 2024 05:11 pm
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