सीकर. राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से सभी सरकारी विभागों को पौधरोपण के लक्ष्य दिए है लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी विभाग मानसून सीजन के बावजूद पौधरोपण को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसकी बानगी है कि वन विभाग के ऑनलाइन आंकड़ों के अनुसार वन विभाग की नर्सरियों […]
सीकर. राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से सभी सरकारी विभागों को पौधरोपण के लक्ष्य दिए है लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी विभाग मानसून सीजन के बावजूद पौधरोपण को लेकर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसकी बानगी है कि वन विभाग के ऑनलाइन आंकड़ों के अनुसार वन विभाग की नर्सरियों में साढ़े 11 लाख से ज्यादा पौधे बुकिंग के बावजूद रखे हुए हैं। नतीजन जहां नर्सरिसों से पौधे लगाने के इच्छुक लोगों को टरकाया जा रहा है। विभागों की ओर से ऑनलाइन डिमांड तो कर दी लेकिन पौधे नहीं लगाए। कई विभागों ने पौधे लगाने की शुरूआत तक नहीं की। इसके कारण वन विभाग के सामने पशोपेश की स्थिति बन गई।
इधर पौधों की अच्छी बढ़वार होने के कारण विभाग को इनमें से कई पौधों को दूसरी थैलियों में शिफ्ट करना पड़ रहा है। ऑनलाइन एंट्री नहीं किए जाने की यही रफ्तार रही तो मानसून सीजन के बाद वन विभाग की नर्सरियों में रखे हजारों पौधे बिना लगाए ही सूख जाएंगे। गौरतलब है कि मानसून सीजन में सरकार की पौधरोपण को बढ़ाने की मंशा को देखते हुए सरकारी महकमों को देने के लिए वन विभाग की नर्सरियों में 21 लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए गए थे।
ये विभाग रहे फिसड्डी
प्रदेश सरकार ने सरकार के सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान पौधे लगाने के लिए लक्ष्य दिए थे। इसमें शेखावाटी विश्वविद्यालय, श्रम विभाग, एनएचएआई, सीओ स्काउट-गाइड,जिला खेल अधिकारी ने मानसून सीजन में एक भी पौधा लगाने की ऑनलाइन एंट्री तक नहीं की है। सार्वजनिक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, चिकित्सा विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग ने लक्ष्य की तुलना में पौधे लक्ष्य की तुलना में ज्यादा लगाए हैं। जानकारों के अनुसार जो महकमे पौधे लगाने में फिसड्डी है उनके पास जमीन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है इसके बावजूद ये विभाग पौधरोपण की अनदेखी कर रहे हैं।
विभाग कम ले रहे रुचि
वन विभाग के अधिकारियों इस समय मानसून सीजन परवान पर है। इस दौरान लगाए पौधे समय पर बढ़वार लेते हैं। इससे ये पौधे सर्दियों के सीजन में तेज सर्दी की चपेट में आने से काफी हद तक बच जाते हैं। इसे देखते हुए विभाग की नर्सरियों में पर्याप्त पौधे तैयार हैं, लेकिन विभागों की समय पर डिमांड नहीं देने से ये पौधे अब सूखने की कगार पर पहुंच रहे हैं। यह समय पौधरोपण के लिए सबसे अनुकूल होता है और इस अवधि में पौधे नहीं लगाए गए तो न सिर्फ सरकारी संसाधनों का नुकसान होगा, बल्कि हरियाली बढ़ाने की कवायद भी अधूरी रह जाएगी।
यह है जिले में पौधारोपण की स्थिति
विभाग लक्ष्य पौधे लगाए
जिला खेल अधिकारी-़1000- 00
शेखावाटी विवि 2000 00
एनएचएआई- 5000- 00
कृषि उपज मंडी—5000— 83
महिला एवं बाल विकास विभाग--1000- 0570
विद्युत निगम 1000-0232
प्रशा.सुधार विभाग-1000-0055
विभाग लक्ष्य पौधे लगाए
रीको- 1000- 0066
पशुपालन विभाग 20000-1089
पीएचईडी—5000- 1947
जलग्रहण विकास 25000-5059
नगर परिषद—350000- 5306
जिला परिषद 671400- 213197
यूआईटी 40000— 27594
राजस्थान पर्यावरण विभाग- 230000— 41788
पौधे उपलब्ध हैं...
इस समय मानसून सीजन चल रहा है। विभाग की नर्सरियों में पर्याप्त संया में पौधे उपलब्ध है। विभागों को आगे आकर पौधरोपण को बढ़ावा देना चाहिए। इससे पौधों का जीवितता प्रतिशत ज्यादा रहे।
गुलजारी लाल, उपवन संरक्षक सीकर