सीकर. निजी अस्पतालों की तर्ज पर अब मेडिकल कॉलेज से सबद्ध कल्याण अस्पताल में भी मरीजों के परिजनों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। कल्याण अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मरीजों के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन के लिए दो अटेंडेंर कार्ड बनाए जाएंगे।
सीकर. निजी अस्पतालों की तर्ज पर अब मेडिकल कॉलेज से सबद्ध कल्याण अस्पताल में भी मरीजों के परिजनों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। कल्याण अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मरीजों के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन के लिए दो अटेंडेंर कार्ड बनाए जाएंगे। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि यह व्यवस्था शेखावाटी में संभवत पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में लागू हो रही है। अच्छी बात है कि फिलहाल यह व्यवस्था अस्पताल परिसर में रात्रि के समय ही रहेगी। यह व्यवस्था सफल होने के बाद अस्पताल के आईसीयू, आउटडोर में मरीज के साथ अटेंडर के लिए भी मास्क लगाना अनिवार्य किया जाएगा। इससे दूसरे मरीज से होने वाले संक्रमण को रोका जा सके। विभाग के अनुसार यह प्रोजेक्ट सफल होने पर आने वाले समय में जिले में बने सभी इंडोर सुविधा वाले चिकित्सा संस्थानों में लागू की जाएगी। हालांकि अस्पताल में अभी तक भर्ती के समय इनडोर कार्ड के साथ दो विजिटर कार्ड बनाए जाते हैं लेकिन इस व्यवस्था की पालना नहीं होने से अस्पताल में मरीजों की रिकवरी सीधे तौर से प्रभावित हो रही थी।
प्रदेश स्तरीय निर्देशों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में अटेंडर कार्ड की व्यवस्था लागू नहीं होने से सर्जिकल व आईसीयू में संक्रमण का प्रतिशत बढ़ जाता है। साथ ही चिकित्सकों के राउंड के समय परिजनों की भीड होने के कारण की भीड़ ज्यादा होने के कारण उपचार सेवाएं प्रभावित हो रही थी। कई अस्पतालों में कुछ समय से इंडोर पर्ची बनाते समय मरीज व परिजनों को इंडोर कार्ड नहीं दिए जा रहे थे। जिससे अस्पतालों में मरीजों के साथ अटेंडर हर समय परिसर में इधर-उधर घूमते रहते थे। इसे गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा विभाग ने दोबारा अटेंडर कार्ड को सती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
सीकर के कल्याण रोजाना औसतन औसतन 300 से 400 मरीज भर्ती रहते हैं। प्रत्येक मरीज के साथ दो से तीन परिजन होते हैं। इससे वार्ड सहित परिसर में पेयजल और सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है। साथ ही मरीज की रिकवरी प्रभावित हो रही थी। नई कवायद के तहत अटेंडर कार्ड लागू होने से इन लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण हो सकेगा। नई व्यवस्था लागू होने से अस्पताल में भीड़ कम होगी, संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। मरीजों को शांत और नियंत्रित वातावरण मिलने से मरीज की रिकवरी समय पर हो सकेगी।
भर्ती मरीज के साथ अटेंडर के दो पास बनाए जाएंगे। अस्पताल परिसर के अंदर जाने के लिए बने रास्ते पर इनकी चैकिंग होगी। संक्रमण बढ़ रहा तो उसके पीछे मरीज के परिजनों की लापरवाही प्रमुख कारण होती है। अस्पताल में अनेक बीमारियों से ग्रसित मरीज आते हैं। जिससे इनका संक्रमण अच्छे स्वास्थ्य व्यक्ति को भी बीमार कर सकता है। इसलिए यह व्यवस्था बनाना जरूरी है।
डॉ. केके अग्रवाल, अधीक्षक कल्याण अस्पताल, सीकर