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जयपुर की शान हैरिटेज हवेलियां, पर्यटकों को लुभा रहीं

जयपुर . विश्व धरोहर शहर परकोटे में 1500 से अधिक हैरिटेज हवेलियां हैं, जो अपने वैभव और ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्वविख्यात हैं। इन हवेलियों में कलात्मक कारीगरी और बनावट न केवल पर्यटकों को लुभा रही हैं, बल्कि देश-दुनिया में गुलाबी शहर का नाम भी रोशन कर रही है। चारदीवारी क्षेत्र में चौकड़ी मोदीखाना, चौकड़ी […]

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Jul 08, 2024

जयपुर . विश्व धरोहर शहर परकोटे में 1500 से अधिक हैरिटेज हवेलियां हैं, जो अपने वैभव और ऐतिहासिक महत्व के लिए विश्वविख्यात हैं। इन हवेलियों में कलात्मक कारीगरी और बनावट न केवल पर्यटकों को लुभा रही हैं, बल्कि देश-दुनिया में गुलाबी शहर का नाम भी रोशन कर रही है।

चारदीवारी क्षेत्र में चौकड़ी मोदीखाना, चौकड़ी पुरानी बस्ती, चौकड़ी रामचन्द्रजी, चौकड़ी तोपखाना सहित 9 चौकड़ियों में ये हवेलियां है, इनमें कई हवेलियां तो ऐसी है, जिनका ऐतिहासिक महत्व रहा है। आज भी ये हवेलियां अपने वैभव को बरकरार रखे हुए हैं। चौड़ा रास्ता में ठठेरों का रास्ता व नाटाणियों का रास्ता में बनाए गए हैरिटेज वॉक-वे में ही कई दर्जन हवेलियां है, जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यहां आने वाले पर्यटक इन हवेलियों के बाहर खड़े होकर फोटो शूट करते नजर आ जाते हैं। वहीं गंगापोल क्षेत्र में भी कई हवेलियां हैं, जो क्षेत्र की शान बनी हुई है।

यहां है सबसे अधिक हवेलियां
चारदीवारी क्षेत्र में नाटाणियों का रास्ता, ठठेरों का रास्ता, बैंक वाली गली, सांघीजी का रास्ता, अजायबघर का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, नाहरगढ़ रोड, दीनानाथजी की गली, घी वालों का रास्ता, हल्दियों का रास्ता, झालानियों का रास्ता, मिश्रराजाजी का रास्ता, बाबा हरिश्चन्द्र मार्ग सहित परकोटे के चौड़ा रास्ता, किशनपोल बाजार, त्रिपोलिया बाजार व चांदपोल बाजार से गुजरने वाली गलियों में कई हैरिटेज हवेलियां हैं। इन हवेलियों में कई ऐसी है, जो आज भी अपने मूल स्वरूप में है।

कई हवेलियां खो रही स्वरूप
परकोटा क्षेत्र में कई ऐतिहासिक हवेलियां देखरेख के अभाव में अपना स्वरूप खोती जा रही है। कई हवेलियां जर्जर होती जा रही है, जिनके जीर्णोद्धार को लेकर जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। वहीं कई हवेलियों को छोड़कर लोग बाहरी क्षेत्रों में जा बसे, ऐसे में उनकी समय पर देखभाल नहीं हो रही है।

कॉम्प्लेक्स में बदली हवेलियां
परकोटा क्षेत्र में बढ़ते व्यावसायीकरण से ये हवेलियां भी नहीं बच पा रही है। धीरे—धीरे हवेलियां कॉम्प्लेक्स में बदलती जा रही हैं। परकोटे की गलियों में इन हवेलियों की जगह अब कॉम्प्लेक्स खड़े हो रहे हैं। इससे स्थानीय निवासी भी परेशान है। हालांकि हैरिटेज इमारतों को नया स्वरूप देने पर रोक है, लेकिन हैरिटेज नगर निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते हवेलियां दुकानों में बदलती जा रही हैं।

संरक्षण की दरकार
यहां की हैरिटेज हवेलियां गुलाबी नगरी की शान है। देश—दुनिया से हजारों पर्यटक इन हवेलियों को देखने के लिए आते हैं, लेकिन यहां के लोग इन हवेलियों को अनदेखा कर रहे हैं। हवेलियों के संरक्षण की जरूरत है।
- मनीष सोनी, तालकटोरा कॉलोनी

Published on:
08 Jul 2024 08:23 pm
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