पूरे गांव में शोक की लहर छाई
धनला(पाली). बेटे के प्रति मां की ममता एवं प्रेम निश्चल तथा असीम होता है उसकी तुलना दूनियां में किसी से नहीं की जा सकतीI अपनी संतान को खरोच भी लग जाती है तो मां का कलेजा धड़कने लगता है। ऐसा ही वाकया शुक्रवार को धनला कस्बे में देखने को मिला। जहां एक पुत्र की मौत के बाद अर्थी को श्मशान लेकर गए और पुत्र की मौत का सदमा बीमार मां सहन नही कर पाई उसने भी दम तोड़ दिया। एक ही दिन मां बेटे की मौत की खबर से गांव में शोक की लहर छा गई। जानकारी के अनुसार मनोहर पुत्र भंवरलाल साटियां (17) निवासी गुड़ा जाटान हाल निवासी धनला जो ननिहाल में परिवार संग रहते थे। उसे पेट की तकलीफ के चलते अस्पताल ले जाते समय पाली में मौत हो गई। उसे लेकर परिजन धनला पहुंचे पुत्र की मौत का सदमा बीमार मां गजिया देवी झेल नहीं पाई और तीन घंटे बाद ही उसकी भी मौत हो गई।
मृतक के मौसेरे भाई पूनाराम साटिया ने बताया कि मनोहर परिवार संग ननिहाल धनला में रहते थे। माली हालत ठीक नहीं होने से पांच भाई बहनों में बड़ा भाई पूनाराम दिसावर पूना में कुक का काम करता है। दूसरे भाई अर्जुन उर्फ अजय राजसमंद में ट्रेवल चलाता है। पिता भंवरलाल पुत्री सनु, मनोहर एवं छोटे बेटे पिंटु के साथ धनला में मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर करते है। मनोहर की माता 52 वर्षीय गजियादेवी की तबीयत पिछले चार वर्षों से ठीक नहीं होने से दोनों छोटे भाई बहन और पिता बीमार मां की सेवा में लगे थे। मनोहर पास ही देवली में फोटोग्राफी का काम करता था। 6 जून को पेट दर्द की शिकायत होने पर दुकान मालिक ने पिता भंवरलाल को बताया तो उसे मारवाड़ जंक्शन अस्पताल दिखाया। उपचार के बाद राहत मिलने पर देवली से पिता को यह कहकर घर भेज दिया कि बीमार मां के पास कोई नहीं है। 7 जून को मनोहर की पुनः तबीयत बिगड़ गई तो धनला निवासी उसकी मौसी सुखियादेवी उसे अस्पताल लेकर गई जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजन शव को गांव लेकर पहुंचे । जब पुत्र की अर्थी उठी और परिजन अंतिम संस्कार के लिए तो पुत्र वियोग में बीमार मां गजियादेवी ने भी दम तोड़ दिया। परिवार में एक साथ दो मौतें होने से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।