श्री गंगानगर

Nautapa 2025: 9 दिन में सूर्य जितना तपेगा, लू चलेगी… वर्षाकाल उतना ही अच्छा रहेगा; जानें नौतपा क्या है

Nautapa 2025 Date: नौतपा में सूर्य की किरणे सीधी ओर सर्वाधिक धरती पर पड़ती है जिससे गर्मी में और इजाफा होता है। इसी कारण मौसम विज्ञान में इनको नवतपा कहा जाता है।

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फोटो- पत्रिका

Nautapa 2025 Date: मई गर्मी ने लोगों को झुलसा कर रख दिया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर और पिलानी में पारा 47 के पार पहुंच गया है। उधर 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है। नौतपा में सूर्य की किरणे सीधी ओर सर्वाधिक धरती पर पड़ती है जिससे गर्मी में और इजाफा होता है। नौ दिन तक तेज धूप पड़ेगी। रोहिणी के शुरू के नौ दिन बहुत गर्म होते हैं। इसी कारण मौसम विज्ञान में इनको नवतपा कहा जाता है।

माना जाता है कि इन नौ दिन में सूर्य जितना तपेगा लू चलेगी वर्षाकाल उतना ही अच्छा रहेगा। नौतपा तब शुरू होता है जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। पंडित के. शास्त्री के अनुसार 25 मई को सुबह 3.27 बजे पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 15 दिनों तक इसमें रहेंगे। उसके बाद 8 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे, जिससे नौतपा खत्म हो जाएगा। नवतपा को पर्यावरण के लिए अच्छा माना गया है इस बारे में प्रसिद्ध राजस्थानी कहावत है।

'दो मूसा, दो कातरा, दो तिड्डी, दो ताव
दोयां रा बादी जळ हरै, दोए बिसर, दोए बाव'

अर्थात पहले दो दिन गर्म हवा (लू) न चले तो चूहे अधिक होंगे । दूसरे दो दिन हवा न चले तो कातरा (फसलों को नष्ट करने वाले कीट) बहुत होंगे । तीसरे दो दिन हवा न चले तो टिड्डी दल आने की आशंका रहती है। चौथे दिन हवा न चले, तो बुखार आदि रोगों का प्रकोप रहता है।

पांचवें दो दिन हवा न चले, तो अल्प वर्षा, छठे दो दिन लू न चले तो जहरीले जीव-जन्तुओं (साँप-बिच्छू आदि) की बहुतायत और सातवें दो दिन हवा न चले तो आंधी चलने की आशंका रहेगी । सरल अर्थ में अगर हम समझें तो अधिक गर्मी पड़ने से चूहों, कीटों व अन्य जहरीले जीव-जन्तुओं के अण्डे समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि यह उनका प्रजनन काल होता है ।

पैली रोहण जळ हरै, दोजी बोवोतर खायै ।
तीजी रोहण तिण खाये, चौथी समदर जायै ।।"

रोहिणी नक्षत्र के पहले हिस्से में वर्षा हो तो अकाल की सम्भावना रहती है और दूसरे हिस्से में बारिश हो, तो बहुत दिनों ते जांजळी पड़ती है अर्थात पहली वर्षा होने के बाद दूसरी वर्षा रुककर ज्यादा दिन बाद होती है। यदि तीसरे हिस्से में बारिश हो, तो घास का अभाव रहता है और चौथे हिस्से में बादल बरसें, तो अच्छी वर्षा की उम्मीद रखनी होती है।

रोहण तपै, मिरग बाजै। आदर अणचिंत्या गाजै ।।

रोहिणी नक्षत्र में गर्मी अधिक हो तथा मृग नक्षत्र में खूब आंधी चले तो आद्र्रा नक्षत्र के लगते ही बादलों की गरज के साथ वर्षा होने की संभावना बन सकती है। नौतपा में गर्मी , लू से बचाव रखे,घर में छायादार स्थान पर रहे, ज्यादा पानी वाले मौसमी फल तरबूज, खीरा, संतरे का सेवन करे, लू में कैरी का पानी पिएं।

Updated on:
22 May 2025 03:39 pm
Published on:
22 May 2025 03:38 pm
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