श्री गंगानगर

जीवन में परोपकार, मरणोपरांत भी मानवता की सेवा: शिक्षाविद श्यामलाल बिश्नोई का देहदान

- श्रीगंगानगर के चिकित्सक परिवार ने पिता का देहदान कर समाज को दी प्रेरणा

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श्रीगंगानगर. पुरानी आबादी निवासी सरकारी स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल एवं अधिवक्ता श्यामलाल बिश्नोई के निधन के बाद उनके परिजनों ने उनका देहदान कर मानवता की मिसाल पेश की। 87 वर्षीय श्यामलाल बिश्नोई ने वर्ष 2000 में ही पीबीएम अस्पताल, बीकानेर जाकर स्वेच्छा से देहदान का कंसेंट फॉर्म भर दिया था। उनके निधन के पश्चात उनकी संतान डॉ. अलका बिश्नोई, डॉ. राजीव बिश्नोई एवं डॉ. मंजुला बिश्नोई ने उनका पार्थिव शरीर एस.एस. टांटिया मेडिकल कॉलेज, श्रीगंगानगर के एनाटॉमी विभाग को सौंपा, जिसे विभागाध्यक्ष डॉ. परवीन शर्मा ने ग्रहण किया। डबल एम.ए. (इतिहास व अंग्रेजी) तथा एल.एल.बी. जैसी उच्च शैक्षणिक योग्यताओं से संपन्न श्यामलाल बिश्नोई गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मिर्जेवाला से प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे सक्रिय, अनुशासित और समाज से जुड़े रहे। वे नियमित रूप से बार एसोसिएशन जाते थे और आजीवन सीखने की भावना को बनाए रखा। शिक्षा के साथ खेलों में भी उनकी गहरी रुचि रही। वर्ष 1958-59 में राजस्थान यूनिवर्सिटी जोनल टूर्नामेंट के दौरान वे गवर्नमेंट कॉलेज, श्रीगंगानगर की बास्केटबॉल टीम के कप्तान रहे। वृद्धावस्था में भी उन्होंने खेल भावना को जीवित रखा। अक्टूबर 2022 में 14वीं राजस्थान मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100, 200 और 400 मीटर दौड़ में तीन स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने युवाओं के लिए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।

Updated on:
16 Dec 2025 10:53 pm
Published on:
16 Dec 2025 10:52 pm
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