उदयपुर

पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का निधन, एक माह से चल रहा था उपचार, शोक की लहर

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम निधन हो गया। वे एक माह पहले घर में ही पूजा के दौरान झुलस गई थीं।

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May 01, 2025
फाइल फोटो

उदयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम निधन हो गया। वे एक माह पहले घर में ही पूजा के दौरान झुलस गई थीं। करीब 95 प्रतिशत झुलसने के बाद वे अहमदाबाद के अस्पताल में उपचाररत थीं। दो-तीन दिन से हालत में गिरावट आई और शाम 7.15 बजे अंतिम सांस ली।

गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा ने बताया कि वे अहमदाबाद के जायडस अस्पताल में उपचाररत थीं। एक माह के उपचार के दौरान भी उनकी स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। पिछले दो-तीन दिनों से ब्लड प्रेशर गिरने लगा और निधन हो गया। उनके निधन पर प्रदेशभर के नेताओं ने शोक जताया है।

गौरतलब है कि 31 मार्च को सुबह 11 बजे घर पर गणगौर पूजा के दौरान गिरिजा व्यास गंभीर रूप से झुलस गई थीं। उदयपुर के निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अहमदाबाद भेजा गया था।

अहमदाबाद के हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में उपचार चला। उनके साथ हुई घटना से कांग्रेस के तमाम पदाधिकारी चिंता में रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने भी अहमदाबाद पहुंचकर कुशलक्षेम पूछी थी, वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बेहतर उपचार को लेकर गुजरात सरकार और चिकित्सकों से संपर्क किया था।

पूर्व सीएम गहलोत ने जताया दुख

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने व्यास के निधन पर शोक जताया। सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने लिखा 'पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है। डॉ गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था। उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं'।

जानिए गिरिजा व्यास का राजनीतिक सफर

गिरिजा व्यास ने 1977 में कांग्रेस की उदयपुर इकाई की अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। 1985 में वे उदयपुर से राजस्थान विधानसभा की सदस्य चुनी गईं और 1990 तक विभिन्न मंत्रालयों, जैसे पर्यटन, शिक्षा, और वित्त, में मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 1991 में वे पहली बार लोकसभा की सदस्य चुनी गईं और पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय की उपमंत्री बनीं थी।

1993 से वे भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। 2005 से 2011 तक वे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं, जहां उन्होंने महिला अधिकारों के लिए काम किया। 2013-14 में व्यास मनमोहन सिंह सरकार में आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की मंत्री रहीं। इसके अलावा, वे कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष और भारत-ईयू सिविल सोसायटी की सदस्य भी थीं।

Updated on:
01 May 2025 09:46 pm
Published on:
01 May 2025 08:22 pm
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