विश्वराज सिंह जगदीश चौक तक पहुंची कार में ही बैठे रहे, वहीं उनके समर्थक चौक में नारेबाजी करते रहे। कलक्टर-एसपी ने उनके साथ कार में बैठकर भी समझाइश का प्रयास किया। ऐसे में गहमागहमी का माहौल बना रहा।
उदयपुर. सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के बीच उपजा विवाद सोमवार को सड़क पर आ गया। धूणी स्थल जाने की जिद पर अड़े विश्वराज सिंह मेवाड़ के पक्ष ने जमकर नारेबाजी की, पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया। हालात नाजुक देख कलेक्टर ने कई बार वार्ता का प्रयास किया, लेकिन पूर्व राजपरिवार से जुड़े दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहे। रात करीब 11 बजे विश्वराजसिंह के समर्थक पक्ष के लोगों ने जबरन सिटी पैलेस में घुसने का प्रयास किया तो सिटी पैलेस से पथराव हो गया। ईंट, पत्थर, कांच की बोतलें आदि बरसाए गए। ऐसे में दो पुलिसकर्मियों सहित चार जने घायल हो गए।
हालत यह रही कि जगदीश चौक पर समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी और पुलिस उन्हें राततक रोकने का प्रयास करती रही।दरअसल, पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्रसिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी के तौर पर सोमवार को चित्तौड़गढ़ में पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम आयोजित हुआ था।
इसके बाद निर्धारित कार्यक्रम के तहत विश्वराजसिंह मेवाड़ भारी-भरकम काफिले के साथ उदयपुर पहुंचे थे। यहां पहले से तैनात पुलिस-प्रशासन ने उनके काफिले को समोर बाग मोड़ पर रोक दिया। उनके प्रतिनिधि मंडल की ओर से बातचीत होने पर पुलिस ने तीन वाहनों को बैरिकेडिंग के अंदर प्रवेश दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और बैरिकेट्स लांगने का प्रयास भी किया।
आखिर बाद में सभी समर्थक बैरिकेट्स से अंदर पहुंच गए। यहां से शीतला माता मंदिर होकर पैदल मार्च करते हुए जगदीश चौक पहुंचे, जहां लगे बैरिकेट्स से सिटी पैलेस की ओर नहीं जा सके। उधर, दूसरे पक्ष ने सिटी के पैलेस के दोनों गेट सुबह से ही बंद कर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए थे। दूसरा पक्ष किसी भी स्थिति में विश्वराज सिंह मेवाड़ को अंदर नहीं जाने देने की बात कह रहा है।
जगदीश चौक में माहौल के दौरान विश्वराजसिंह का प्रतिनिधि मंडल सिटी पैलेस के त्रिपोलिया गेट पर पहुंचा, जहां कलक्टर अरविंद पोसवाल, आईजी राजेश मीणा, एसपी योगेश गोयल से वार्ता के दौर चले, लेकिन प्रवेश की सहमति नहीं बनी।
विश्वराज सिंह जगदीश चौक तक पहुंची कार में ही बैठे रहे, वहीं उनके समर्थक चौक में नारेबाजी करते रहे। कलक्टर-एसपी ने उनके साथ कार में बैठकर भी समझाइश का प्रयास किया। ऐसे में रात तक गहमागहमी का माहौल बना रहा।
शाम से लेकर रात तक विश्वराजसिंह के समर्थकों ने पुलिस से भिड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने संयम रखा। विश्वराजसिंह के सिटी पैलेस में जाने का कार्यक्रम तय होने को लेकर सोमवार को सुबह से सिटी पैलेस बंद रखा गया।
यह है विवाद की वजह
दरअसल, विश्वराज सिंह मेवाड़ की पगड़ी-दस्तूर की रस्म के बाद सिटी पैलेस के धूणी स्थल पर जाने का कार्यक्रम तय किया गया। यहीं से विवाद शुरू हो गया। वर्तमान सिटी पैलेस का संचालन महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ की ओर से किया जा रहा है। अरविंद सिंह मेवाड़ के पक्ष ने बगैर अनुमति किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी।
पारिवारिक संपत्ति का मामला है, लेकिन धूणी स्थल पर धोक लगाने से रोका जाना सरासर गलत है। कानूनी रूप से हो या परंपरा, सामाजिक तौर पर हो। धूणी स्थल पर नहीं जाने देना गलत किया जा रहा है।
विश्वराजसिंह मेवाड़, पूर्व राजपरिवार के सदस्य