उदयपुर

मित्र नहीं रहे ई-मित्र: मनमानी वसूली, मजबूरी में ठगा रहे लोग

प्रदेश में 77 कम्पनियां चला रही 81 हजार ई-मित्र, कमिशन कम होने से संचालक ज्यादा वसूलते राशि

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Jul 06, 2024
इमित्र केंद्र उदयपुर

उदयपुर. शहर सहित हर गांव-ढाणी में ई-मित्र संचालित हो रहे हैं। दूर दराज के क्षेत्र में संचालित केंद्र तो आमजन के लिए बेहतर साबित हो रहे हैं, जबकि शहर-कस्बे के कई ई-मित्र केंद्रों पर ज्यादा वसूली की शिकायतें आम है। सबसे ज्यादा परेशानी प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन करने वाले युवाओं के साथ होती है, जिन्हें परीक्षा शुल्क के अलावा ई-मित्र संचालक की भारी फीस भी वहन करनी पड़ती है। राजस्थान पत्रिका टीम ने शहर के कई ई-मित्र केंद्रों पर पड़ताल की तो यह िस्थति सामने आई।जानकार बताते हैं कि इसकी बड़ी वजह भी सामने आती है कि हर वर्ग और सेवाओं की दरें बदलती है, लेकिन ई-मित्र संचालकों का कमिशन पिछले 5 साल से नहीं बढ़ा। बिजली-पानी के बिल सहित कुछ सर्विसेज ऐसी है, जिनका कमिशन शुरुआत से लेकर अब तक वही है। साल दर साल सेवाएं जुड़ती गई, लेकिन कमिशन दरों में कभी बदलाव नहीं आया।

जरुरतमंद ज्यादा शिकारकुछ ई-मित्र कियोस्क संचालकों की ओर से पेंशन आदि भुगतान के काम में धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते रहे हैं। अमूमन अंगूठा छाप या कम पढ़े लिखे लोग भी धोखाधड़ी के शिकार ज्यादा हाते रहे हैं। कई मामलों में पुलिस केस दर्ज होना भी सामने आता रहा है। हालांकि पिछले सालों में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से सख्ती भी बरती जाने लगी है।

प्रदेश में यह जानें स्थिति

81641 : ई-मित्र कियोस्क संचालित है प्रदेश में

77 : कम्पनियों के तहत संचालित है ई-मित्र

592 : तरह की सेवाएं देते हैं ई-मित्र संचालक

1.25 : लाख ट्रांजेक्शन प्रतिदिन होती है

प्रदेश में संचालित ई-मित्र केंद्र

जिला - कियोस्क संख्या

अजमेर - 3315

अलवर - 3929

बारां - 1608

बाड़मेर - 3132

भरतपुर - 3012

बीकानेर - 2486

बूंदी - 1558

चुरू - 2660

दौसा - 2101

धौलपुर - 1306

हनुमानगढ़ - 2475

जयपुर - 7595

जैसलमेर - 725

जालौर - 1883

झालावाड़ - 2076

झुंझुनूं - 2712

जोधपुर - 4017

करौली - 1650

कोटा - 2446

नागौर - 3775

पाली - 2301

स. माधोपुर - 1735

सीकर - 3543

सिरोही - 949

श्रीगंगानगर - 2421

टोंक - 1896

मेवाड़-वागड़ की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत

जिला - ई-मित्र कियोस्क

उदयपुर - 3097

राजसमंद - 1323

चित्तौडग़ढ़ - 1963

भीलवाड़ा - 3127

बांसवाड़ा - 2108

डूंगरपुर - 1519

प्रतापगढ़ - 1198

इनका कहना...

ई-मित्र कियोस्क संचालकों की ओर से बहुत अधिक राशि विसूलना गलत है। ऐसे में आमजन को शिकायत करनी चाहिए। शिकायत पर विभाग संचालक की आईडी ब्लॉक कर देता है। गंभीर मामलों में तो ब्लैक लिस्टेड भी किए जाते हैं। एक बात ये भी कि हर वर्ग की दरों में बदलाव आता है, ई-मित्र संचालकों का कमिशन सालों से नहीं बढ़ा। कई केंद्र संचालकों का तो दुकान खर्च भी कमिशन से नहीं निकलता। सरकार को इस पर पॉलिसी बनाने की जरुरत है।

लोकेश खंडेलवाल, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, अक्स ऑप्टीफाइबर

Published on:
06 Jul 2024 06:16 pm
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