Patrika Raksha Kavach Abhiyan: सरकारी कर्मचारी-पेंशनर साइबर अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट है। वेतन आयोग के गठन की मंजूरी के बाद ठग वेतन आयोग के बारे में अधिक जानकारी के नाम से फर्जी लिंक भेजने लगे हैं।
पंकज वैष्णव
उदयपुर। हाल ही 8वें वेतन आयोग के गठन को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली है। सरकारी कर्मचारी और पेंशनर वेतन आयोग के बारे में अधिकाधिक जानकारी लेना चाह रहे हैं। इसका फायदा उठाते हुए साइबर ठग लोगों को झांसे में लेने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकारी कर्मचारी-पेंशनर साइबर अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट है। वेतन आयोग के गठन की मंजूरी के बाद ठग वेतन आयोग के बारे में अधिक जानकारी के नाम से फर्जी लिंक भेजने लगे हैं।
कई लोग वेतन आयोग के बारे में जानने की कोशिश में ठगी के शिकार हो रहे हैं। हालांकि ज्यादातर लोग पत्रिका रक्षा कवच अभियान में प्रकाशित खबरें पढ़कर जागरूक हुए और साइबर ठगी का शिकार होने से बच भी रहे हैं।
1. पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राजकुमार जाखड़ ने बताया कि अपराधी वेतनमान गणना की एक्सेलशीट बनाकर भेजने का दावा करते हैं। इसे खोलते ही मोबाइल हैक हो रहे हैं।
2. साइबर अपराधियों के रडार पर मुख्य रूप से रिटायर कर्मचारी होते हैं।
1. हिरणमगरी क्षेत्र की एक शिक्षिका ने बताया कि 8वें वेतन आयोग से जुड़ा एक लिंक मिला। क्लिक करते ही मोबाइल हैंग हो गया। खाते से 55 हजार रुपए निकल गए।
2. पेंशनर मुरली पुरोहित ने बताया कि एक वॉट्सएप ग्रुप में एपीके फाइल आई। इसके साथ लिखा था कि 8वें वेतन आयोग में बढ़ने वाली राशि की गणना जानें। मैं क्लक करने वाला था, लेकिन साथी पेंशनर ने रोका तो ठगी का शिकार होने से बच गया।