उदयपुर

अनदेखी: जिले में गैस कनेक्शनधारी तीन लाख, केवाईसी आधों की भी नहीं

एक साल पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया, ऑयल कम्पनियों ने ठंडे बस्ते में डाली

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उदयपुर. जिले में गैस कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं का आंकड़ा तीन लाख से ज्यादा है, लेकिन ई-केवाईसी आधे उपभोक्ताओं की भी नहीं हो पाई है। भले ही ई-केवाईसी नहीं होने से ऑयल कम्पनियों, गैस एजेंसियों को कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए ये नुकसानदायक हो सकता है। अगर गैस सिलेंडर से कोई हादसा हो गया तो बिना केवाईसी के क्लेम करना मुश्किल हो जाएगा। यही नहीं, हादसे के लिए जिम्मेदार भी उपभोक्ता ही होंगे, ऑयल कम्पनी जिम्मेदारी से हाथ खींच लेगी।

गैस उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया एक साल पहले जोर-शोर से की गई थी। उस समय रियायती गैस सिलेंडर के पात्र उपभोक्ताओं को तो सब्सिडी बंद होने का भय दिखाया गया था तो लोगों ने भाग-दौड़कर केवाईसी करवा ली, लेकिन, आम गैस उपभोक्ताओं की केवाईसी कराने पर जोर नहीं दिया गया। न तो उपभोक्ताओं ने रुचि दिखाई और न ही ऑयल कम्पनियों ने सख्ती की। नतीजा ये कि जिले में आधे से ज्यादा गैस उपभोक्ताओं की केवाईसी नहीं है।

बताना है कौन इस्तेमाल कर रहा सिलेंडर

उदयपुर जिले में एचपी, इंडेन और भारत गैस के कनेक्शन है। ऑयल कम्पनियों के मुताबिक लोग केवाईसी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले साल आदेश जारी किया था कि जिन लोगों के नाम से सिलेंडर है, उन्हें गैस एजेंसी में जाकर बताना होगा कि सिलेंडर लेने वाले वही है।

यह जानें स्थिति

03 लाख उपभोक्ता जिलेभर में

1.75 लाख उज्ज्वला उपभोक्ता

1.10 लाख उपभोक्ता शहर में

ऐसे करवा सकते हैं ई केवाईसी

- एक : बायोमेट्रिक सत्यापन करवाने के लिए उपभोक्ता को अपने एलपीजी वितरक के एजेंसी ऑफिस पर जाना होगा

- दो : अपने घर पर एलपीजी सिलेंडर लेकर आने वाले डिलीवेरीमैन को ई केवाईसी - बायोमेट्रिक सत्यापन करवा सकते हैं।

ई केवाईसी कराने के पीछे मकसद

- ऐसे ग्राहक जिनकी मृत्यु हो गई है, उनको सूची से अलग करना

- ऐसे उपभोक्ता जो दूसरी जगह रहने लग गए है उनका चिन्हिकरण करना

- सब्सिडी संबन्धितमामलो का नियमितीकरण करना

कनेक्शनधारी की मृत्यु हुई तो ट्रांसफर करा लें

अगर परिवार में जिसके नाम गैस कनेक्शन है और उनकी मृत्यु हो गई है तो उपभोक्ताओं को उनके परिवार के सदस्य के नाम तय प्रक्रिया अपना कर गैस कनेक्शन उनके नाम ट्रांसफर करवाना होगा। इसके बाद उनके नाम पर ई केवाईसी हो जाएगी।

इनका कहना...

उपभोक्ता ई-केवाईसी एजेंसी से करवा लें। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए एप डाउनलोड करके कर सकते हैं। उपयोगकर्ता का वेरिफिकेशन जरुरी है। गैस कनेक्शनधारी प्रत्येक उपभोक्ता बीमाकृत होता है। अगर कभी गैस संबंधी हादसा हो जाए तो क्लेम का हकदार वही होगा, जो मूल कनेक्शनधारी है। अगर दूसरे के नाम का सिलेंडर उपयोग कर रहे हैं तो क्लेम नहीं मिलेगा।

डॉ. सुनील जोशी, गैस एजेंसी संचालक

Published on:
21 May 2025 05:56 pm
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