Business Visa Bonds: अमेरिकी सरकार के नए पायलट प्रोग्राम के तहत कुछ देशों के नागरिकों को टूरिस्ट और बिजनेस वीजा के लिए 15,000 डॉलर तक का बॉन्ड जमा करना होगा।
US Visa Bond: अमेरिका जाने का सपना देख रहे लोगों के लिए बुरी खबर है। अमेरिकी सरकार ने एक नए पायलट प्रोग्राम के तहत वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी की है। अब कुछ देशों के नागरिकों को टूरिस्ट और बिजनेस वीजा (Business Visa) के लिए 15,000 डॉलर (लगभग 13 लाख रुपये) तक का बॉन्ड (Bond) जमा करना होगा। यह नियम 20 अगस्त 2025 से लागू होगा और अगले एक साल तक चलेगा। इस प्रोग्राम का उद्देश्य वीजा अवधि से अधिक समय तक अमेरिका में रुकने वाले विदेशियों पर नकेल कसना है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश का असर उन देशों पर होगा, जहां वीजा उल्लंघन की दर अधिक है। इनमें चाड, इरिट्रिया, हैती, म्यांमार, यमन, बुरुंडी, जिबूती और टोगो जैसे देश शामिल हैं। फेडरल रजिस्टर नोटिस के अनुसार, यह बॉन्ड उन देशों के नागरिकों पर भी लागू हो सकता है, जहां स्क्रीनिंग और जांच की जानकारी अपर्याप्त है।
इस पायलट प्रोग्राम के तहत, अमेरिकी कांसुलर अधिकारी उच्च वीजा उल्लंघन दर वाले देशों से आने वाले आवेदकों पर बॉन्ड लगाने का फैसला कर सकते हैं। यह बॉन्ड सुनिश्चित करेगा कि वीजा धारक निर्धारित समय पर अमेरिका छोड़ दें। यूएस ट्रैवल एसोसिएशन के अनुसार, इस प्रोग्राम से लगभग 2,000 आवेदक प्रभावित होंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अवैध प्रवास पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जून में जारी यात्रा प्रतिबंध, जिसमें 19 देशों के नागरिकों पर पूर्ण या आंशिक रोक लगाई गई थी, भी इसी दिशा में एक कदम था। इसके अलावा, हाल ही में लागू एक अन्य नियम के तहत सभी अप्रवासियों को 24 घंटे अपने कानूनी दस्तावेज साथ रखने होंगे, और पता बदलने पर 10 दिनों के भीतर सरकार को सूचित करना होगा। इसका पालन न करने पर 5,000 डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है।
हालांकि भारत इस प्रोग्राम के तहत प्रभावित देशों की सूची में शामिल नहीं है, लेकिन भारतीय आवेदकों के लिए भी वीजा प्रक्रिया और फीस पहले ही कठिन हो चुकी है। 2023 में अमेरिकी दूतावास ने 10 लाख से अधिक गैर-अप्रवासी वीजा प्रोसेस करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें भारतीयों को प्राथमिकता दी गई थी। लेकिन, एच-1बी, एल-1 और ईबी-5 जैसी वीजा श्रेणियों की फीस में भी अप्रैल 2024 से बढ़ोतरी हुई है, जिससे भारतीय पेशेवरों और छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।